अभियोग का सामना करने वाले पहले अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति बने
न्यूयॉर्क। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान 2016 में एक पोर्न स्टार को चुप रहने के लिए धन देने के मामले में मैनहट्टन ग्रैंड जूरी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अभियोग चलाने का फैसला किया है। इसी के साथ ट्रंप आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले अमेरिका पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए हैं। यही नहीं, फैसले से 2024 में फिर से राष्ट्रपति बनने की उनकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। मामले की जांच कर रहे मैनहट्टन जिला अटॉर्नी एल्विन ब्रैग के प्रवक्ता ने बताया कि अभियोग के संबंध में मैनहट्टन के जिला अटॉर्नी के कार्यालय में ट्रंप के आत्मसमर्पण को लेकर समन्वय के लिए पूर्व राष्ट्रपति के अटॉर्नी से संपर्क किया गया है और सुनवाई की तारीख तय होने के बाद आगे की जानकारी दी जाएगी।ट्रंप ने 2017 से 2021 तक अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में सेवाएं दी थीं। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक ट्रंप फ्लोरिडा से सोमवार को न्यूयॉर्क आएंगे और मंगलवार को अदालत में पेश होंगे। सुनवाई के संक्षिप्त रहने की संभावना है, जिसमें उन पर लगाए गए आरोप पढ़कर सुनाए जाएंगे। यह मामला 2016 में पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को किए गए 1.30 लाख डॉलर के भुगतान में ट्रंप की संलिप्तता की जांच से जुड़ा है। आरोप है कि यह भुगतान इसलिए किया गया, ताकि डेनियल्स रिपब्लिकन नेता ट्रंप से अपने कथित यौन संबंधों पर चुप रहें।
'न्यायिक प्रणाली को मेरे खिलाफ बनाया हथियार'
ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं पर ‘अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को सजा देने के लिए न्यायिक प्रणाली को हथियार की तरह इस्तेमाल करने' का आरोप लगाया है। ट्रंप के वकील सुसन नेचेलेस और जोसेफ टैकोपिना ने एक बयान जारी कर कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने ‘कोई अपराध नहीं किया' है और उन्होंने ‘अदालत में इस राजनीतिक अभियोजन का मजबूती से मुकाबला करने' का संकल्प लिया है। राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की होड़ में शामिल विवेक रामास्वामी और निकी हेली ने आरोप लगाया कि ट्रंप के खिलाफ अभियोग ‘बदले की राजनीति है।' उन्होंने इसे देश के इतिहास में एक ‘काला दिन' करार दिया।
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