'लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई की रफ़्तार धीमी नहीं'


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई से जुड़ी जानकारी से उसे अवगत कराते रहने का मंगलवार को निर्देश दिया। न्यायालय ने, हालांकि इस बात से इनकार किया कि मामले की सुनवाई ‘धीमी गति' से चल रही है। केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी हैं। इस हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि 25 जनवरी के उसके आदेश में दिए अंतरिम निर्देशों का पालन किया जाए। शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को आशीष मिश्रा को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी थी। पीड़ितों के परिजनों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पीठ को बताया कि अभियोजन पक्ष के करीब 200 गवाहों से पूछताछ की गई है और वह ‘मुकदमे की धीमी सुनवाई' को लेकर चिंतित हैं। 

पीठ ने कहा, ‘सुनवाई धीमी नहीं है। हमें सुनवाई कर रहे न्यायाधीश से तीन पत्र मिले हैं।' न्यायालय ने कहा कि उसने लखीमपुर खीरी के प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश से मिले पत्रों पर गौर किया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि पत्रों के अनुसार तीन गवाहों से पूछताछ समाप्त हो चुकी है, जबकि एक गवाह से जिरह की जा रही है। पीठ ने कहा, ‘हम निगरानी शब्द का इस्तेमाल नहीं कर रहे, लेकिन हम सुनवाई पर परोक्ष रूप से नजर बनाए हुए हैं और इसे जारी रखेंगे।'

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