भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा जिले की तहसील मऊगंज को प्रदेश का 53वां जिला बनाने की घोषणा की। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य प्रदेश मंत्रिमंडल में राजनीतिक रूप से अहम विंध्य क्षेत्र के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व की कमी को लेकर सरकार के खिलाफ असंतोष को खत्म करना है। मऊगंज को जिला बनाने की लंबे समय से चली आ रही मांग ने हाल ही में जोर पकड़ा है।
चौहान ने यहां एक समारोह में संबल योजना के तहत 27,310 हितग्राहियों के बैंक खातों में सहायता के रूप में 605 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित की। इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘‘ 15 अगस्त को नवीन मऊगंज जिला (मुख्यालय) में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा।’’
इसके अलावा चौहान ने 738 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास किया जिनमें से कई मऊगंज में हैं। अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नई परियोजनाओं में 73.56 करोड़ रुपये के दस कार्य नये जिले में किए जायेंगे। चौहान ने मुख्य रूप से असंगठित मजदूरों की जरूरतों को पूरा करने वाली संबल योजना की खूबियों को गिनाते हुए कहा कि यह योजना जन्म से लेकर मृत्यु तक सहायता प्रदान करती है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए चौहान ने कहा कि नाथ ने दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक मुख्यमंत्री के रूप में अपने 15 महीने के कार्यकाल के दौरान इस योजना को छोड़ दिया था। सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे नये मऊगंज जिले में चार तहसीलें होंगी - मऊगंज, हनुमना, नईगढ़ी और देवतालाब तथा इसकी आबादी छह लाख से अधिक है।
नये जिले के निर्माण के साथ वर्तमान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के दो विधानसभा क्षेत्र मऊगंज चले गए हैं। अब रीवा जिले में छह विधानसभा सीट रह गई हैं। रीवा संभाग में अब रीवा, मऊगंज, सतना, सीधी और सिंगरौली पांच जिले होंगे, जबकि विंध्य क्षेत्र में जिलों की संख्या आठ होगी।
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