आईएमए-एएमएस के राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे दिग्गज डॉक्टर
चंडीगढ़ में रविवार को आयोजित आईएमए-एएमएस के राष्ट्रीय सम्मेलन में मौजूद दिग्गज डॉक्टर। |
चंडीगढ़। डॉक्टर और मरीज के बीच के संबंध तनाव एवं अविश्वास से भर गए हैं। मरीज के जो हाथ पहले डॉक्टर के प्रति दुआ में उठते थे, अब मारपीट करने के उठ रहे हैं। इसमें सुधार करने की आवश्यकता है। यह बातें रविवार को चंडीगढ़ में आईएमए कांप्लेक्स में आईएमए-एएमएस के राष्ट्रीय, उत्तर क्षेत्र सम्मेलन में शामिल डॉक्टरों ने कही। सीनियर मेडिको लीगल कंसलटेंट डॉक्टर नीरज नागपाल ने मरीज और डॉक्टर के बीच गिरते स्तर पर डॉ. महेंद्र कौशल व डॉ रामेश्वर गुप्ता की मौजूदगी में व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि मरीज डॉक्टर के पास आता है तो वह बहुत ही दर्द एवं निराशाजनक स्थिति में होता है और उसकी डॉक्टर से बहुत अपेक्षाएं रहती हैं। ऐसे में आवश्यक है कि डॉक्टर स्वयं अपने व्यक्तित्व को भी देखे एवं मरीज की स्थिति और मनोविज्ञान को समझते हुए न केवल दवाई दे बल्कि उसके मन को भी स्वस्थ करते हुए उसके अंदर आशा का संचार करे।
इस सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, यूपी, एमपी, उत्तराखंड और दिल्ली के डॉक्टरों ने भाग लिया। सीनियर कंसलटेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. नीरज कुमार, आईएमए चंडीगढ़ के पूर्व प्रधान डॉ. आर एस बेदी व डॉ. पवन गुप्ता की मौजूदगी में वैक्सीनेशन पर हो रही नयी उन्नति पर अपने विचार रखे।
डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी जीएमसीएच सेक्टर 32 के पूर्व हेड व प्रोफेसर डॉ. जगदीश चंद्र ने कॉमन इनफेक्शंस में एंटीबायोटिक के प्रयोग पर अपनी बात रखी। डिपार्टमेंट ऑफ डर्मेटोलॉजी पीजीआई के प्रोफेसर एम सेंदिल कुमारन ने टॉपिकल स्टेरॉइड के मिसयूज़ पर चर्चा की। विशेष लेक्चर प्रोफेसर भूषण कुमार व डॉ अनिल कुमार की मौजूदगी में दिया । डॉ. आर एस बेदी, डॉक्टर रमणीक शर्मा व डॉ. विवेक मल्होत्रा ने बताया कि आईएमए एएमएस की कॉन्फ्रेंस में सब्जेक्ट एक्सपर्ट ने चिकित्सा जगत से जुड़े शोधों पर चर्चा की गई।
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