नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड मामले के इनामी अभियुक्तों असद और गुलाम की राज्य पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ झांसी में हुई मुठभेड़ में मारे जाने की घटना पर सवाल उठाए हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भाजपा पर मुठभेड़ के जरिए मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया, "झूठे मुठभेड़ करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं।" प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी ट्वीट में कहा, "आज के व हालिया मुठभेड़ की भी गहन जांच-पड़ताल हो और दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है।
"भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है।"
उधर, बसपा प्रमुख मायावती ने इस मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक ट्वीट में कहा, "अतीक अहमद के बेटे व एक अन्य व्यक्ति की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर चर्चा गर्म हैं। लोगों को लगता है कि विकास दुबे काण्ड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है।
अतः घटना का पूरा तथ्य एवं सच्चाई जनता के सामने आ सके इसके लिए उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है।" गौरतलब है कि वर्ष 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में एक दुस्साहसिक वारदात में ताबड़तोड़ गोलियां चला कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में वांछित अभियुक्त असद अहमद और गुलाम आज झांसी में एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए। इन दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम भी घोषित था।
असद इस मामले के प्रमुख अभियुक्त एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद का बेटा है। अतीक वर्ष 2004 में प्रयागराज की फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी का विधायक रह चुका है उसे हाल ही में अपहरण के एक मामले में प्रयागराज की एक अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
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