अतीक अहमद हत्याकांड : अखिलेश बोले- अपराधियों को सत्ताधारी भाजपा का संरक्षण


नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश जंगल राज की गिरफ्त में फंस चुका है और अपराधियों को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का संरक्षण मिला हुआ है। यादव ने यहां एक बयान में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर बरसते हुए कहा, ‘‘राज्य में कानून और संविधान का शासन नहीं है, अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है, सड़कों पर खुलेआम हत्यायें हो रही है। अपराधी बेखौफ हैं। अपराधियों को सत्ताधारी पार्टी का संरक्षण मिला हुआ है। पूरा प्रदेश जंगलराज की गिरफ्त में फंस चुका है।''

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने शनिवार को प्रयागराज में माफिया सरगना अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की एक दुस्साहसिक वारदात में गोली मारकर हुयी हत्या का जिक्र करते हुए कहा, "मीडिया के सामने सुनियोजित तरीके से पुलिस की सुरक्षा घेरे के बीच हत्या सरकार की नाकामी है। जब पुलिस सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता कितनी सुरक्षित है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।"

यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं बची है। लगता है सरकार की साख ही मिट्टी में मिल गई है। प्रदेश में भाजपा सरकार ने अराजकता का जो माहौल बनाया है, इससे जनता के बीच भय व्याप्त हो गया है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के समय में जिस उत्तर प्रदेश में विकास की बात होती थी, मेट्रो, एक्सप्रेस-वे, आईटी सिटी, लैपटॉप की बात होती थी, उसी प्रदेश में अब अपराध, अपराधियों, बंदूक और पिस्तौल की चर्चा होती है।

यादव ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता की सुरक्षा और उत्तर प्रदेश के भविष्य को लेकर चिंता का माहौल है। भाजपा ने नफ़रत फैलाकर समाज को डरा दिया है। आने वाले समय में भाजपा सरकार को यह भारी पड़ेगा। इन सबके लिए मुख्यमंत्री जी, ठोको मानसिकता की जिम्मेदारी से नहीं बच पायेंगे।''

प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश भाजपा के सत्ता में आने के बाद योजनाबद्ध तरीके से सत्ता संरक्षण में हत्या हो रही है। पुलिस हिरासत में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मौत हो रही हैं और किसी भी लोकतांत्रिक देश में पुलिस अभिरक्षा में इस तरह हत्या नहीं हुई। 

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