नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी पूर्व पार्टी कांग्रेस और उसके वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर जबरदस्त हमला करते हुए कहा कि दुर्भाग्य है कांग्रेस पार्टी आज के वक्त में देश के खिलाफ काम करने वाले 'गद्दार' के साथ खड़ी है। उन्होंने बेहद आक्रामक तरीके से कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि उस पार्टी में अब विचारधारा के नाम पर कुछ नहीं बचा है, पार्टी पूरी तरह से खोखली हो गई है।
कभी राहुल गांधी के साथ संसद से सड़क तक भाजपा को घेरने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को राहुल गांधी के मानहानि केस के प्रकरण पर कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी उन्हें मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद "स्पेशल ट्रीटमेंट" क्यों दे रही है।
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी मानहानि के आपराधिक केस में अपील करने के लिए सूरत गये थे, फिर जिस तरह से उनके पीछे-पीछे कांग्रेस नेताओं का जत्था कोर्ट में पहुंचा, क्या उसे कांग्रेस द्वारा न्यायपालिका पर दबाव डालने के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए। दरअसल राहुल गांधी हर वक्त खुद को प्रासंगिक बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास करते रहते हैं।"
सिंधिया ने पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस की मजबूत घेराबंदी की और कहा कांग्रेस पार्टी ने पिछड़े वर्गों का अपमान किया है। वो पार्टी और उसके नेता हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी का सबूत मांगते हैं। उनके नेता हमारे सैनिकों को चीन द्वारा पीटे जाने की बात कहते हैं।
उन्होंने कहा, ''बेहद दुर्भाग्य की बात है कि जो पार्टी खुद को देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कहती है, उस कांग्रेस के पास मौजूदा समय न कोई विचारधारा है और न सोच है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की "व्यक्तिगत कानूनी लड़ाई" को लोकतंत्र की लड़ाई के रूप में पेश कर रही है। वह पार्टी लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है और उस खेल में वो सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आखिर पार्टी अपने नेताओं और समर्थकों की फौज सूरत ले जाकर क्या करना चाहती थी, क्या वो न्यायपालिका पर दबाव बनाने और उसे धमकाने की कोशिश नहीं कर रहे थे। आखिर राहुल गांधी आपराधिक मानहानि के केस में मिली सजा के खिलाफ अपील ही तो करने जा रहे थे।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि विपक्ष संसद को काम नहीं करने दे रहा है। विपक्षी नेता सदन में काले कपड़े पहन कर आ रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस से बेहद तीखा सवाल करते पूछा कि क्या भारतीय संसद के इतिहास में किसी नेता को पहली बार संसद से अयोग्य घोषित किया गया है। क्या यही कांग्रेस के "गांधीवाद" का दर्शन है, क्या उसी दर्शन के तहत पार्टी एक व्यक्ति के इर्दगिर्द घूम रही है।
मालूम हो कि भाजपा में शामिल होने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया लंबे समय तक कांग्रेस में रहे और राहुल गांधी के करीबी सहयोगी माने जाते थे।
साल 2020 में कांग्रेस नेतृत्व के साथ भारी मतभेद के कारण पार्टी छोड़ दी थी। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में चलने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार गिर गई थी।
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