दो दिन के राष्ट्रीय सामाजिक न्याय सम्मेलन में कई मुद्दों पर चर्चा
जबलपुर। राष्ट्रीय सामाजिक न्याय सम्मेलन में दूसरे दिन मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मुख्य न्यायाधीश आंध्र प्रदेश जस्टिस वी. ईश्वरैया ने कहा कि पिछड़ों और दलितों के हक और सम्मान को दिलाने के लिए जातीय जनगणना की होनी चाहिए। पिछड़ों, दलितों के हक और सम्मान दिलाने, उनके साथ हो रहे भेदभाव और अन्याय को खत्म करने के लिए जातीय जनगणना और सभी जातियों का आंकड़ा होना बेहद जरूरी है।
- संविधान में कोलोजियम सिस्टम का कोई प्रावधान नहीं
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व लोकायुक्त और पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वीरेंद्र सिंह यादव ने कहा कि कोलोजियम सिस्टम से पिछड़े वर्गों का हक़ मारा जा रहा है। संविधान में कोलोजियम सिस्टम का कोई प्रावधान नहीं है। दुनिया में कहीं भी कोलोजियम सिस्टम नहीं है।
सम्मेलन में प्रमुख वक्ता के रूप में आए प्रो. हरि नरके ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा सबके लिए मुफ्त और अनिवार्य होना चाहिए। भारत में सूचना क्रांति लाने वाले सैम पित्रोदा पिछड़े वर्ग के थे। पिछड़ा वर्ग में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। लेकिन बराबरी का हक़ अभी भी नहीं है। सम्मलेन में निजीकरण का विरोध में आंदोलन करने की जिम्मेदारी शिव यादव को सौंपी गई। इस निर्णय का सम्मेलन में उपस्थित लोगों ने समर्थन किया।
सम्मलेन में ओबीसी, एसटी-एससी वर्ग के संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात, समानुपातिक प्रतिनिधित्व, निजीकरण का विरोध, ईवीएम पर रोक, कॉलेजियम सिस्टम, लागत के अनुसार कृषि उत्पादन का मूल्य, पुरानी पेंशन योजना लागू करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम का संचालन रामरतन यादव और डॉ. राजकुमारी बंसल ने किया। सम्मेलन के समापन पर दादा बहादुर सिंह लोधी ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर बैजनाथ कुशवाहा, रामकुमार पटेल, मूलचंद मौरे, राजकुमार सिंह किरार, इंद्र कुमार पटेल, घनश्याम यादव, नोखेलाल प्रजा, दिलीप पटेल, वृंदावन वर्मा, घनश्याम यादव, माया देवी कुशवाहा, गिरानी कुशवाहा, भगवानदास पटेल, सीताराम पटेल, देवकरण पटेल, एड. मनोज चौधरी, एड. राजकुमार यादव, एड. ओपी यादव, दालचंद रजक, जगदीश नन्हेट, अविनाश गाडवे, सरमन रजक, हरिशंकर विश्वकर्मा, एड. उदय साहू, एड. केके कुशवाहा, डॉ. रावत हरि पटेल आदि ने की है।
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