चीनी की कीमतों में महंगाई की 'कड़वाहट', जमाखोरों पर शिकंजा कसने की तैयारी में सरकार

कंपनियों से मांगा गया स्टॉक का ब्यौरा



नई दिल्ली। चीनी के कम उत्पादन के अनुमान को देखते हुए सरकार बढ़ती रिटेल कीमतों को लेकर काफी चिंतित है और इसकी कीमतों को कंट्रोल करने के लिए उपाय भी किए जाने लगे हैं। ऐसे में सरकार ने चीनी कंपनियों के स्टॉक होल्डिंग का ब्योरा मांगा है ताकि वहस्टॉक की जानकारी ले सके। 

सरकार ने इन कंपनियों को कहा है कि 10 मई यानी आज के दिन तक अपने स्टॉक होल्डिंग की जानकारी सार्वजनिक करे और इसे पोर्टल पर जारी करें। बता दें कि गर्मी के आने के बाद चीनी के कीमतों में उछाल देखा गया है और पिछले महीने इसके रिटेल कीमतों में दो रुपए का इजाफा हुआ है।
  • सरकार ने 10 मई तक मांगा स्टॉक होल्डिंग का पूरा ब्योरा
सरकार ने चीनी कंपनियों को आदेश देते हुए कहा है कि 10 मई तक अपने स्टॉक होल्डिंग की जानकारी पोर्टल पर मुहैया कराए। दरअसल, चीनी की रिटेल कीमतों में अब तेजी आनी शुरू हो गई है और इसकी कीमतों में दो रूपए की बढ़ोतरी देखी गई है। ऐसे में बढ़ती कीमतों के रोकथाम के लिए सरकार ने जरूरी कदम उठाना शुरू कर दिया है। इसी के तहत सरकार ने इन चीनी कंपनियों के स्टॉक होल्डिंग का ब्योरा मांगा है। 

सरकार का कहना है जिस तरीके से चीनी की मांग बढ़ेगी तो इसकी कीमतों में भी इजाफा देखा जा सकता है। ऐसे में जमाखोरों को मौका मिल जाएगा और वे चीनी की जमाखोरी करने लगेंगे। सरकार इस पर नकेल कंसना चाहती है, इसलिए स्टॉक होल्डिंग का ब्योरा मांगा है। सूत्र ने यह भी बताया है कि सरकार चीनी को लेकर बाजार में डर वाली स्थिति पैदा नहीं करना चाहती है इसलिए इसे लेकर उपाय शुरू किए जा चुके है। 

  • आखिर क्यों सरकार मांग रही है स्टॉक का ब्योरा
सरकार द्वारा स्टॉक का ब्योरा इसलिए मांगा जा रहा है क्योंकि इससे चीनी के स्टॉक की सटिक जानकारी मिल पाए। इस स्टॉक के ब्योरे से सरकार यह जानना चाहती है कि देश में चीनी की कितनी डिमांड है और उसके अनुपात में देश में कितनी उपलब्ध है। ऐसे में जब स्टॉक मिल जाएगा तो इसके बाद सरकार बाजार की सप्लाई पर नजर रखेगी। इन सब उपायों के बाद भी अगर बढ़ती कीमतें नहीं रूकेंगी तो फिर इसे लेकर आगे और भी बड़े फैसले लिए जाएंगे। 

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