जातीय हिंसा का समाधान करने मणिपुर पहुंचे अमित शाह



नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चार दिवसीय यात्रा पर सोमवार रात मणिपुर पहुंचे जहां वह जातीय हिंसा का समाधान निकालकर शांति बहाल करने के उद्देश्य से अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। वह दिल्ली से एक विशेष विमान से इंफाल के बीर टीकेंद्रजीत इंफाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे।

सूत्रों ने कहा कि शाह हालात का आकलन करने और सामान्य स्थिति बहाल करने की योजना बनाने के लिए मंगलवार को अनेक दौर की बैठक कर सकते हैं। वह बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित कर सकते हैं और राज्य में जारी हिंसा पर नियंत्रण के लिए कदमों की घोषणा कर सकते हैं।

मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से शाह की यह राज्य की पहली यात्रा है। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। 
  • जनजातियों के सदस्यों ने की मणिपुर में केंद्र के हस्तक्षेप की मांग
हमार, कुकी, मिजो और जोमी जनजाति की सैकड़ों महिलाओं ने सोमवार को यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और मणिपुर में तनाव को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार से ‘‘उचित हस्तक्षेप'' की मांग की। प्रदर्शनकारी पोस्टर और राष्ट्रीय ध्वज लेकर प्रदर्शन स्थल पर एकत्र हुए और न्याय की मांग के नारे लगाए। बारिश के बीच भी उन्होंने प्रदर्शन जारी रखा। 

मंच से एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘जब मैं आज सुबह उठी, तो मैंने देखा कि हमारे मुख्यमंत्री ने कहा है कि कुकी आतंकवादी हैं...हमें अपने ही घर में बेघर कर दिया गया है।'' भीड़ से ‘‘हम भारतीय हैं'' के नारों के बीच एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हम भारतीय हैं, हमारे पूर्वज स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम अवैध प्रवासी नहीं हैं।'' मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई। 
आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर पहले से तनाव गहराया हुआ था। मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। राज्य में हालात सामान्य करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ीं, जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं। 

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