औरैया/अनुराग त्रिपाठी। बाबरपुर मंडी समिति के पास मेडिकल सेंटर से मजदूर के बच्चे को मुक्त कराया गया। अखिलेश कुमार पूर्व प्रधान बाबरपुर देहात का कहना है, कि 28 अप्रैल शाम 9:30 बजे बाला जी ईंट भट्टे पर काम करने वाले जगदीश पुत्र राम खिलावन की बच्ची पिंकी उम्र करीब 13 वर्ष और पुत्र शिव मिलन उम्र करीब 7 वर्ष जिनको हल्का बुखार उल्टी दस्त आने पर एक मेडिकेयर सेंटर बाबरपुर पर दवा लेने के लिए आए तो वहां पर कर्मचारी ने बच्चों को बोतल लगा दी और रात भर रोके रखा। सुबह जब उसने अपने बच्चे को वापस भेजने के लिए कहा तो मेडीकेयर पर कार्यरत महिला व अन्य कर्मचारियों के द्वारा अभद्रता करते हुए 6000 रुपये जमा करने कहा। भट्टे पर काम करने वाली मजदूर के पास इतने पैसे नहीं थे तो मेडिकेयर सेंटर पर बच्चों को बंद कर लिया और घर नहीं जाने जाने दिया। परेशान मजदूर ने इधर उधर से हाथ जोड़कर 4500 रुपये मेडिकल अस्पताल संचालक को दिए। उसके बाद उसने बच्चे को जाने दिया।
मजदूर के मासूम बच्चों के इलाज के पैसे न देने पर बनाया बंधक, पैसे देकर कराया गया मुक्त
अक्षर सत्ता
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