भाजपा छोड़ पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने थामा कांग्रेस का दामन, कहा, पार्टी से मदद नहीं मिलने से पत्नी की कोरोना संक्रमण से हो गई मौत



भोपाल | मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री दीपक जोशी शनिवार को विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी यहां कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले दिन में भाजपा के एक अन्य पूर्व विधायक राधेलाल बघेल भी कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए। 
  • कोरोना के समय प्रशासन से नहीं मिली थी कोई मदद : जोशी
पत्रकारों से बात करते हुए जोशी ने आरोप लगाया कि जब उनकी पत्नी को कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा तब उन्हें प्रशासनिक तंत्र से कोई मदद नहीं मिली और अंतत: उनकी पत्नी की मृत्यु हो गयी। जोशी के इस आरोप पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

उन्होंने भाजपा सरकार पर उनके दिवंगत पिता कैलाश जोशी की विरासत को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया है। बता दें कि करीब 60 वर्षीय दीपक जोशी ने 2003 में देवास जिले के बागली से पहली बार विधानसभा में प्रवेश किया और बाद में उसी जिले की हाटपिपलिया सीट से दो बार (2008 और 2013 में) सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा। 
  • 2020 में भाजपा में शामिल हुए थे जोशी
अपनी तीसरी चुनावी जीत के बाद, जोशी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल हुए और 2018 तक इसके सदस्य बने रहे। जोशी 2018 में हाटपिपलिया से कांग्रेस के मनोज चौधरी से चुनाव हार गए। चौधरी 2020 में भाजपा में शामिल हो गए और बाद में उपचुनाव में हाटपिपलिया से फिर से जीत गए। 

चौधरी और तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 20 से अधिक विधायकों के मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और भाजपा की सरकार बनी। माना जाता है कि दीपक जोशी तब से भाजपा संगठन में काफी हद तक दरकिनार कर दिए गए थे। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल की अंत में होने वाले हैं। 

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