'संप्रभुता' पर तकरार ! सोनिया गांधी के बयान के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची भाजपा, कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग



नई दिल्ली। भाजपा ने सोमवार को निर्वाचन आयोग का रुख कर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने और चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के लिए 'संप्रभुता' शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर उनकी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा।

भाजपा की ओर से कहा गया, 'कर्नाटक भारत संघ में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सदस्य राज्य है और भारत संघ के सदस्य राज्य की संप्रभुता की रक्षा करने का कोई भी आह्वान अलगाव के आह्वान के समान है और यह खतरनाक और घातक परिणामों से भरा हुआ है।' 

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'उन्होंने (सोनिया गांधी) जानबूझकर संप्रभुता शब्द का इस्तेमाल किया। कांग्रेस का घोषणापत्र टुकड़े-टुकड़े गैंग का एजेंडा है और इसलिए वे इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस देश विरोधी कृत्य के खिलाफ कार्रवाई करेगा।'
  • 'कांग्रेस की मान्यता रद्द करे चुनाव आयोग'
पत्रकारों से बातचीत में पार्टी नेता तरुण चुघ ने जनप्रतिनिधित्व कानून का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की मान्यता रद्द कर दी जानी चाहिए। भाजपा ने इस मुद्दे पर गांधी के उस बयान की एक प्रति भी सौंपी, जिसे कांग्रेस ने ट्वीट किया था।

कांग्रेस की ओर से शनिवार को हुबली में एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में कहा गया था कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने '6.5 करोड़ कन्नड़ लोगों को एक कड़ा संदेश दिया।' पार्टी ने उनकी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह जनसभा को संबोधित करते दिख रही हैं।

कांग्रेस ने ट्वीट किया था, 'कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा पैदा नहीं करने देगी।' 

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