जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कथिततौर पर कांग्रेस दफ्तर पर हमला किया और जमकर तोड़फोड़ की। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का यह उग्र विरोध कांग्रेस द्वारा कर्नाटक चुनाव के घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन किये जाने की मांग को लेकर की है।
- पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल
बताया जा रहा है कि उग्र प्रदर्शनकारी हाथों में भगवा झंडा लहराते हुए कांग्रेस कार्यालय में घुसे और वहां पर तोड़फोड़ करने लगे। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं हमले के इस वीडियो को नकारते हुए बजरंग दल के एक नेता ने कहा कि संगठन के कार्यकर्ताओं ने बलदेव बाग इलाके में कांग्रेस कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण विरोध किया, लेकिन जिन लोगों ने कार्यालय में तोड़फोड़ की, वे हमारे संगठन के नहीं बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ता थे, जो अपने चेहरे को ढंके हुए थे।
- बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की बात
जानकारी के अनुसार इस विवाद का मूल कर्नाटक कांग्रेस द्वारा अगले चुनाव के लिए जारी किया गया घोषणा पत्र है। मंगलवार को कांग्रेस द्वारा जारी घोषणापत्र में बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों को 'नफरत फैलाने वाले' बताया गया है और दोनों संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है।
- पुलिस के सामने बजरंग दल के कार्यकर्ता कार्यालय में घुसे और तोड़फोड़ की : कांग्रेस
जबलपुर बजरंग दल ने नताओं ने कहा कि संगठन द्वारा बुधवार को ही ऐलान किया गया था कि कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय पर धरना देंगे। वहीं कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि कार्यालय के सामने 30 मिनट तक नारेबाजी करने के बाद पुलिस के सामने बजरंग दल के कार्यकर्ता कार्यालय में घुसे और तोड़फोड़ की। इस संबंध में मध्य प्रदेश कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य दिनेश यादव ने कहा कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस दफ्तर पर ऐसे हमला किया जैसे भेड़ियों का झुंड कभी-कभी मिलकर बाघ पर हमला करते हैं, लेकिन ऐसे हमलों से बाघ का महत्व कम नहीं होता।
- बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करना संगठन का अपमान
बजरंग दल के नेता सुमित सिंह ठाकुर ने कांग्रेस नेता दिनेश सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि संगठन के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। अगर कांग्रेस बजरंग दल जैसे संगठन पर हमला करेगी तो कार्यकर्ता इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "बजरंग दल सामाजिक कल्याण, हिंदुओं की सुरक्षा और हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम करता है और कांग्रेस ने उसकी तुलना पीएफआई से करके संगठन का अपमान किया है। अगर कांग्रेस मध्य प्रदेश की राजनीति में हमें घसीटना चाहती है तो हम उसे उसी तरह जवाब देंगे।"
- तोड़फोड़ में बजरंग दल के कार्यकर्ता शामिल नहीं
लेकिन इस बयान के साथ ठाकुर ने कांग्रेस दफ्तर पर संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये हमले की बात से साफ इनकार किया और कहा कि बजरंग दल के कार्यकर्ता तोड़फोड़ में शामिल नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि उपद्रव मचाने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ता थे। वे हमारे समूह में घुसे और अपना चेहरा ढंकने के बाद तोड़फोड़ की।
एक टिप्पणी भेजें