नई दिल्ली। रेलवे ने 2017-18 और 2021-22 के बीच सुरक्षा उपायों पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए और इस अवधि के दौरान पटरी की मरम्मत पर खर्च में लगातार वृद्धि देखी गई। आधिकारिक दस्तावेज से इस बात की जानकारी मिली है। सरकारी सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि रेलवे जल्द ही भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट का जवाब देगा।
आंकड़ों से क्या पता चला है
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस रिपोर्ट का हवाला ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे के मद्देनजर केंद्र पर हमला करने के लिए दिया, जिसमें 275 लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे। दस्तावेज के आंकड़ों से पता चलता है कि 2017-18 से 2021-22 तक, रेलवे ने राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (आरआरएसके) कार्यों पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। फरवरी 2022 में, सरकार ने 2022-23 से आरआरएसके की वैधता को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया।
आंकड़े बताते हैं कि 2017-18 से 2021-22 पटरी की मरम्मत पर खर्च बढ़ा है
दस्तावेज में कहा गया है कि पटरी की मरम्मत के आंकड़े बताते हैं कि 2017-18 से 2021-22 के दौरान इस पर खर्च में लगातार वृद्धि देखी गई है। 2017-18 में 8,884 करोड़ रुपये से पटरी की मरम्मत पर खर्च 2020-21 में बढ़कर 13,522 करोड़ रुपये और 2021-22 में 16,558 करोड़ रुपये हो गया। इसमें कहा गया है कि रेलवे ने इस अवधि के दौरान पटरी की मरम्मत पर कुल मिलाकर 58,045 करोड़ रुपये खर्च किए।
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