कटनी/ हसन रशीद। संसाधनों की कमी के बाद नहीं अपने बुलंद हौसलों के दम पर लक्ष्मी रजक गायन के क्षेत्र मई अपन करियर बनाने की कोशिश कर रहीं हैं। उन्हें अपनी छोटी सी प्यारी सी बच्ची की किलकारी से नै ऊर्जा मिलती है। और इसी के सहारे वे कड़ा संघर्ष कर रही हैं। हनुमान मंदिर में दी गई एक प्रस्तुति ने उन्हें क्षेत्र में चर्चित कर दिया है। फ़िलहाल वे कभी-कभी बुलावा आने पर आर्केस्ट्रा में गीत गाती हैं। लक्ष्मी रजक को उम्मीद है कि उन्हें एक दिन बड़ा प्लेटफॉर्म मिलेगा जिसमें वे अपनी कला का प्रदर्शन करेंगी।
विशेष : लक्ष्मी ने पाई सरस्वती जैसी गायन कला
अक्षर सत्ता
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जबलपुर/आसपास
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