बरगी बांध के विस्थापितों ने मुख्यमंत्री को सड़क पर रोक कर गिनाईं अपनी समस्याएं

हरदुली पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग


बरगी नगर/परवेज खान l लाडली बहना योजना को अमलीजामा पहनाकर लौटे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह के बरगी बांध स्थित मैकल रिसॉर्ट में रात्रि विश्राम के पश्चात दूसरे दिन सड़क मार्ग से हेलीपैड के लिए रवाना होते समय बरगी बांध से विस्थापित हुए ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जन अधिकार सेवा संघ के नेतृत्व में सीएम के काफिले को रास्ते में ही रोक लिया। विस्थापित महिलाओं ने  सीएम से गुहार लगाते हुए ग्रामीणों ने बरगी बांध से हुआ विस्थापन तथा लंबे समय से विस्थापन की त्रासदी तथा मूलभूत समस्याओं को झेलने के कई वर्षों बाद भी अपने अधिकारों से वंचित रहने की बात ग्रामीणों ने मुखरता से मुख्यमंत्री से कही। 
  • मुख्यमंत्री भू-अधिकार स्वामित्व योजना का नहीं मिल रहा लाभ
ग्रामीणों ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन की महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री भू-अधिकार स्वामित्व योजना का लाभ ग्राम पंचायत हरदुली के ग्रामों मगरधा पंचायत  के 7 ग्रामों और ग्राम पंचायत तुनिया के 5 ग्रामों के ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।  ग्रामीणों का कहना है कि यह सभी पंचायत राजस्व रिकॉर्ड से बाहर हैं। रिकॉर्ड से बाहर होने के कारण उक्त ग्रामों और पंचायतों का ऑनलाइन खसरा नक्शा ग्रामों रकबा नहीं दिखाई देता है। जिस कारण ग्रामीणों को मुख्यमंत्री स्वामित्व भू-अधिकार योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त योजना को लेकर इन सभी पंचायतों में शासन द्वारा किसी भी तरह की कोई एक्सरसाइज भी नहीं की जा रही है ना कोई सर्वे और ना ही कोई अन्य कार्यवाही जिसको लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। जानकारी के मुताबिक राजस्व रिकॉर्ड से 16 गांव लंबे समय से गायब है। जिसमें से 13 ग्रामों के रिकॉर्ड कंप्यूटराइज किए जा रहे हैं परंतु 3 गांवों का आज भी अता पता नहीं है। 
  • राजस्व नहीं तो कैसे हो रहे करोड़ों के काम 
यहां सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि यह 3 ग्राम पंचायतें राजस्व रिकॉर्ड में नहीं है, बावजूद इसके उक्त सभी पंचायतों में शासन की सभी योजनाएं लागू है। रोजगार गारंटी हो या अन्य कोई दूसरी l सब की खानापूर्ति शत-प्रतिशत की जा रही है l
ग्रामीणों का आरोप है कि 30- 40 वर्ष से करोड़ों रुपए की राशि से उक्त ग्राम पंचायतों में निर्माण तथा विकास कार्य  फिर  किस आधार पर कराए जा रहे हैं ? ग्रामीणों को भी इन सभी गांव की पंचायतों में मकान बनाकर निवास करते हुए निवास करते हुए 40 से 50 वर्ष हो गया है l फिर उन्हें क्यों उक्त जन हितैषी योजना के अधिकार से वंचित किया जा रहा है यह बात समझ से परे है। ग्रामीणों का आरोप है कि सिर्फ वोटों की राजनीति करने के लिए सभी तत्कालीन विधायकों द्वारा ग्रामीणों को राजस्व ग्राम तथा भू-अधिकार पटटों  तथा आवास का सपना तो दिखाया जाता है और यह भी झूठी तसल्ली दी जाती है कि आपका ग्राम जल्द ही राजस्व ग्राम की सूची में शामिल कर दिया जाएगा ।
जानकारी के मुताबिक राजस्व रिकॉर्ड की सूची में तो कुछ ग्राम दिखाई देने लगे हैं।  17 में से 13 गांव पर उक्त गांव का खसरा नक्शा तथा रखवा ऑनलाइन नहीं दिखाई देने के कारण ग्रामीणों को किसी भी तरह का लाभ नहीं मिल पा रहा हैl
  • यह रहे मौजूद
मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान जनसेवा संघर्ष समिति के पुनाराम पाठक, मुकेश बंशकार, लाखन पटेल, वैजयंती बर्मन, विनीता बर्मन, सपना बर्मन, सुरेंद्र पटेल, छबीलाल, राम भरोसे, अब्दुल्लाह रजा खान और क्षेत्र के ग्रामीणों की उपस्थिति रही ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत हरदौली में रोजगार गारंटी प्रधानमंत्री आवास तथा अन्य कई महत्वपूर्ण योजनाओं में हुए भारी भ्रष्टाचार की जांच की भी मांग की। 

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