सरपंच तो बन गए पर नहीं मिलता मानदेय, हल नहीं होती समस्याएं

सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष को सरपंचों के कार्य क्षेत्र में आने वाली मुश्किलों से कराया रूबरू 



बरगी नगर l मध्य  प्रदेश पंचायत सरपंच संगठन जिला कार्य समिति की एक आवश्यक बैठक अनूप सिंह बघेल (प्रदेश अध्यक्ष) सरपंच संघ के मुख्य आतिथ्य और जिला सरपंच संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती वर्षा शिव पटेल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जबलपुर जिले के प्रत्येक जनपद के संगठन के अध्यक्ष मौजूद रहे। बैठक में सरपंच संगठन जबलपुर जिले के उपाध्यक्ष पद पर अंशुल सोनकर ग्राम पंचायत राजाराम डुंगरिया जनपद पंचायत जबलपुर को नियुक्त किया गया। 

नियुक्ति के पश्चात नवागत सरपंच संघ के जिला उपाध्यक्ष अंशुल सोनकर ने प्रदेश अध्यक्ष का ध्यानाकर्षण कराते हुए इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय जनता के सहयोग से सरपंच तो बन जाते हैं पर सरपंच बनने के बाद बहुत सारी ऐसी समस्याएं होती हैं, जिसका 5 साल बीत जाने के बाद भी निराकरण नहीं हो पाता। जैसे सरपंचों को इतना भी अधिकार नहीं है कि वह आकस्मिक व्यय कर अकस्मात आने वाली समस्याओं को हल करा सकें। ग्राम पंचायत क्षेत्र में आवारा मवेशियों, कुत्तों, बिल्ली, गाय या जंगली जानवरों के मरने पर उन्हें गांव से बाहर करवाने को लेकर बड़ी समस्या रहती है। 
श्री सोनकर का सुझाव है कि ऐसे आकस्मिक व्यय हेतु सरपंचों को कम से कम 25 हजार की राशि ग्राम पंचायत से सीधे आहरित करने के अधिकार दिए जाएं, जिससे तत्काल समस्या से निपटा जा सके। जब भी सरपंच अपने ग्राम में सामुदायिक सड़क नाली निर्माण या अन्य कोई कार्य करने जाते हैं तो जनता सरपंचों का बिल्कुल भी सहयोग नहीं करती और उल्टे सरपंच की शिकायत ही सीएम हेल्पलाइन पर कर देती है, इससे कार्य तो प्रभावित होता ही है। अनावश्यक शिकवा- शिकायतों का दौर होने से उक्त कार्य लंबे समय तक प्रभावित होता है। जिस पर भी रोक लगनी चाहिए, जिसमें जबलपुर जनपद के समस्त सरपंचों ने हर्ष व्यक्त किया। 
कार्यक्रम में दूरदराज की पंचायतों से आए सरपंचों ने अपनी आपबीती बताते हुए यह कहा कि उन्होंने 5 साल अपनी ग्राम पंचायत की भरपूर सेवा की पर उन्हें मानदेय के नाम पर 1750 रुपए ही पूर्व में दिए जाते रहे हैं जो ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। वही मुश्किल से 12 किस्त के बाद यह मानदेय आज तक अपराध है। इस संबंध में सरपंचों का कहना है कि वर्तमान में 4250 रुपए सरपंच मानदेय में बढ़ोतरी की गई है पर घोषणा को हुए डेढ़ साल बीतने के बाद आज तक नए सरपंचों को इसका लाभ प्राप्त नहीं हो सका है। इस तरह की अनेक समस्याओं से सरपंच जूझ रहे हैं पर सुनवाई नगण्य ही रहती है। सभी समस्याओं पर प्रदेश अध्यक्ष ने सरपंच प्रतिनिधियों को स्पष्ट किया कि वे भोपाल स्तर पर समस्याओं को हल कराने में विशेष प्रयास करेंगे। 

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