चंडालभाटा ट्रांसपोर्ट नगर एसोसिएशन के सदस्यों ने की महापौर और नेता प्रतिपक्ष को दिया ज्ञापन
जबलपुर/अक्षर सत्ता। चंडालभाटा ट्रांसपोर्ट नगर एसोसिएशन के व्यापारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर नगर निगम में महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू और नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल से मुलाकात की। महापौर ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि व्यापारियों की समस्याओं का हल एक सप्ताह के भीतर करना सुनिश्चित कराया जाएगा।
- व्यापारियों को परेशान कर रहे कुछ लोग
चंडालभाटा ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी संघ के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल बबलू ने बताया कि ग्राम माढोताल में नगर निगम ने वर्ष 1992-93 में 38 एकड़ भूमि पर 572 भूखण्डों का लेआउट बनाकर ट्रांसपोर्ट नगर बसाने, ट्रांसपोर्ट व्यवसायी मोटर मैकेनिक, स्पेयर पार्ट्स विक्रेता आदि व्यवसाय से जुडे लोगों को 572 भूखण्ड लाटरी पद्धति से 30 वर्ष के लिए लीज पर आवंटित किए गए थे। कुछ फर्जी व्यापारी लगातार शिकायतें कर व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने एक ज्ञापन देकर उन लोगों के नाम भी दिए हैं जो परेशानी पैदा करते हैं। हम उसकी जांच करेंगे। लीज का रिन्युअल भी होना है। इसके अलावा बहुत सारे काम लंबित हैं। हम लोग भी चिंतित हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि तेजी से समस्याओं का समाधान के लिए सोमवार से ही तेज गति से काम होगा। इन लोगों की समस्या का निराकरण होगा।
नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने कहा कि ट्रांसपोर्ट व्यापारी आए थे, जो उनके साथ गलत व्यवहार हो रहा है। कुछ स्थानीय लोग जानबूझकर परेशानी पैदा कर रहे हैं। गलत आवेदन देकर ट्रांसपोर्टरों को परेशान कर रहे हैं। ट्रांसपोर्टर शिकायत भी दर्ज कराएंगे। व्यापारी परमवीर सिंह ने कहा कि 472 प्लाटों का लीज रिन्युअल नहीं हो रहा है। टैक्स भी भर रहे हैं।
- बैंक ने कहा, लीज रिन्यूअल कराकर लाओ नहीं तो हमारा लोन चुकता करो
संघ के अध्यक्ष बबलू अग्रवाल ने बताया कि सभी 572 व्यवसायियों के भूखण्ड की लीज की अवधि 30 वर्ष पूर्ण होने के कारण 28 अगस्त 2022 को लीज समाप्त हो चुकी है। लगभग 400 व्यापारियों ने लीज नवीनीकरण नामांतरण का आवेदन निगम में दिया है, लेकिन मात्र 13 व्यापारियों की लीज का नवीनीकरण की स्वीकृति प्रदान की गई है जबकि अनेक व्यापारियों ने नगर निगम से एनओसी लेकर अपने भवन बैंक में बंधक रखकर ऋण लिया है। अब बैंक वाले बोल रहे है कि लीज रिन्यूअल कराकर लाओ नहीं तो हमारा संपूर्ण ऋण चुकता करो। इस तरह बैंक वाले व्यापारियों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहे हैं।
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