बरगी नगर की हरदुली पंचायत के सामुदायिक पौधारोपण में भ्रष्टाचार की जांच शुरू

जांच दल जल्द ही कलेक्टर को सौंपेगा अपनी रिपोर्ट 

ग्राम पंचायत हरदुली में दस्तावेज खंगालते अधिकारी |

बरगी नगर/अक्षर सत्ता। रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत हरदुली बरगी नगर में पिछले 6 वर्ष पूर्व पूनाराम पाठक की बाड़ी में किए गए सामुदायिक पौधारोपण की जांच शुरू हो गई है। गौरतलब है कि यह पूरा मामला मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद सीधा जिला कलेक्टर के दिशा निर्देशन में जांच में लिया गया है। जिला और जनपद की संयुक्त टीमें पिछले 6 साल पूर्व में किए गए पौधारोपण में भुगतान की गई मजदूरी, बिल वाउचर, मस्टररोल और अन्य भुगतान की फाइलें खंगाल रही है। उम्मीद है दो-चार दिन में जांच टीमें अपनी जांच पड़ताल पूरी कर प्रतिवेदन जिला कलेक्टर को सौंप देंगी। जानकार बताते हैं कि पूरे मामले में बड़े भ्रष्टाचार तथा फर्जीवाड़ा निकलेगा ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं।
  • फर्जी मजदूरों की सूची में प्रतिष्ठित परिवारों के नाम  
पौधारोपण के हितग्राही पूनाराम पाठक, उनकी पत्नी मधु लता पाठक और  सामुदायिक पौधारोपण में मजदूरी करने वाले मजदूरों संजू बंसकार, धनीराम पटेल, रम्मू झारिया, कररू बर्मन, फूला बाई, घनश्याम, अम्मू बर्मन, राजकुमारी बंसकार, अनिता, रामप्रसाद, बिनोद, प्रीति और जानकी बाई ने बताया कि जब पूनाराम पाठक द्वारा सूचना के अधिकार के तहत उक्त कार्य में हुए संपूर्ण भुगतान की जानकारी प्राप्त करने के लिए मस्टर रोल की कॉपी निकलवाई तो उन दोनों के होश उड़ गए। मास्टर रोल के भुगतान पत्र में ग्राम रोजगार सहायक मनीष तिवारी की पत्नी, उनका छोटा भाई, छोटे भाई की पत्नी, उनकी साली, पूर्व सरपंच पंच देव महतो के कुछ रिश्तेदार बाजार के कुछ प्रतिष्ठित दुकानदार और उनकी पत्नियां एवं कई संभ्रांत नागरिकों के नाम भी इस मास्टर रोल में अंकित हैं। पूनाराम पाठक और हरदुली के पौधारोपण में मजदूरी करने वाले वास्तविक मजदूर बताते हैं कि जिनके परिवार वालों ने कभी अपने जीवन में मजदूरी नहीं की, उनके नाम भी मस्टर रोल जॉब कार्ड में डालकर हजारों लाखों रुपए की फर्जी मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है और जो वास्तविक मजदूर हैं। वह आज भी अपनी मजदूरी के लिए शिकायतें करते फिर रहे हैं। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे ग्राम रोजगार सहायक ने यह भी नहीं सोचा कि जब भ्रष्टाचार की कलई खुलेगी तो उन्हें कोई नहीं बचा पाएगा । 
फर्जी मजदूरों ने दिए शपथ पत्र उक्त मामले में मस्टररोल में दर्ज ऐसे कई कथित लोगों के नाम से मजदूरी का भुगतान किया गया है। जिनके परिवार ने आज तक मजदूरी नहीं की उन लोगों के खातों में बाकायदा पैसे डाल कर भुगतान कर दिया गया। पैसे डालने के दूसरे दिन ग्राम रोजगार सहायक मनीष तिवारी ने उन लोगों के घर जाकर यह कह कर खाते में आई पूरी राशि वापस ले ली और यह कहा कि ग्राम पंचायत की गलती से उनके खाते में पैसे डल गए हैं, पैसे वापस कर दीजिए। संबंधित व्यक्तियों ने बिना किसी सोच विचार के रोजगार सहायक को उनके खाते में आए हुए पैसे वापस भी कर दिए।
जब 6 साल बाद यह राज खुला तो वह ग्रामीण जिनके खातों में पैसे डाले गए थे।  उन्होंने शपथ पत्र देकर यह स्वीकार किया है कि उन्होंने ग्राम पंचायत हरदुली में कोई भी मजदूरी का काम नहीं किया है और इन सब चीजों की जानकारी उन्हें बिल्कुल भी नहीं है। यह सब रोजगार सहायक मनीष तिवारी ने फर्जी तरीके से उनके खातों में पैसे डाल कर उनसे झूठ बोलकर यह सब किया है। रोजगार सहायक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ऐसा किया है।
  • इन लोगों ने दिए शपथ पत्र 
जिन लोगों ने वृक्षारोपण के इस पूरे मामले में मजदूरी नहीं की और जिनके खातों में  फर्जी तरीके से पैसे डालकर वापस लिए गए। उन्होंने 50 के स्टांप में शपथ पत्र देकर इस बात को स्वीकारा है कि उन्होंने मजदूरी नहीं की और फर्जी जालसाजी के तहत उनके साथ ऐसा किया गया है। इस कड़ी में शपथ कर्ता मुकेश बंशकार पिता श्याम लाल वंशकार, बुधिया बाई पति श्री मुकेश, कैलाश बर्मन पिता श्री शंकर लाल बर्मन, रेनू बर्मन पति श्री कैलाश बर्मन, गायत्री पाठक पति श्री आनंद पाठक के नाम हैं। 
  • स्वीकृत राशि से ज्यादा का हुआ भुगतान 
हितग्राही पूनाराम पाठक ने यह आरोप लगाया है कि उन्होंने जो तकनीकी स्वीकृति आदेश का पत्र प्राप्त किया है। उसमें स्वीकृत लागत 1,68,000 तथा 470 मानव दिवस अंकित किए गए हैं पर आरटीआई के तहत उन्हें जो जानकारी मिली है। उसमें कुल मजदूरी का भुगतान 1,92,592 भुगतान होना बताया गया है। जिसमें पौधारोपण की राशि 17000 है कुल मिलाकर 2,0,9,592 सत्यापित प्रति के रूप में उन्हें दिया गया है। अब यह भी जांच का विषय है कि जब स्वीकृत राशि अंकित की गई  है तो ज्यादा का भुगतान कैसे हो गया।
  • 16 जून को आया था जांच दल 
जानकारी के मुताबिक उक्त प्रकरण की जांच करने जनपद पंचायत जबलपुर के प्रभारी सीईओ वीरेंद्र सिंह, पंचायत इंस्पेक्टर उमेश मेहरा, एडीओ अनिल झारिया, उपयंत्री राजेश कोठार, निहाल पाराशर प्रधानमंत्री आवास अधिकारी और दो सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा, संध्या भीजे उपस्थिति में जांच चल रही है।
  • तत्कालीन सचिवों की भी होनी चाहिए जांच
शिकायतकर्ता पूनाराम पाठक और उनके सहयोगियों का आरोप है कि वर्ष 2017-18   के समय तत्कालीन सचिव डेलन पटेल के समय यह कार्य स्वीकृत हुआ था और सचिव राकेश सोनी के कार्यकाल में उक्त कार्य को अंजाम दिया गया था। ऐसा तो नहीं है कि इस पूरे मामले में इन लोगों की भी भूमिका हो ? इन लोगों को भी जांच के दायरे में लाया जाना चाहिए। 
  • इनका कहना है
हमारी जांच चल रही है और हमें शासन प्रशासन पर पूरा भरोसा है। शासन का  जो भी निर्णय होगा वह हमें मान्य होगा। इनके द्वारा लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं। मैं ईमानदारी से अपना काम कर रहा हूं। 
मनीष तिवारी, ग्राम रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत, हरदुली बरगी नगर

इस मामले में अभी जांच चल रही है ऑनलाइन पोर्टल, लोगों के कथन एवं राजस्व विभाग से भी बातचीत कर सूक्ष्म जांच की जा रही है। जल्द ही जांच प्रतिवेदन कलेक्टर साहब को सौंपा जाएगा ।
वीरेंद्र सिंह,  प्रभारी सीईओ,  जांच अधिकारी, जनपद पंचायत, जबलपुर


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