रेल खिड़की की जगह अब मोबाइल से टिकिट लेने का चलन बढ़ा
जबलपुर/अक्षर सत्ता। जबलपुर रेल मंडल में रेल यात्रियों द्वारा सामान्य दर्जे की टिकिट के लिए अब अनरिज़र्व टिकिट सिस्टम ( यूटीएस) मोबाइल ऐप के उपयोग का चलन निरंतर बढ़ रहा है | अब यात्रियों का मोबाइल ही रेल टिकिट बन गया है। जिससे कि यात्रियों को अब टिकिट खिड़की पर लम्बी लाईन एवं खुल्ला पैसो की समस्या से छुटकारा मिल रहा है। जबलपुर मंडल में पिछले मई माह में 02 लाख 12 हज़ार यात्रियों द्वारा इस एप्प के माध्यम से अपने मोबाईल से टिकिट बनायीं गईं, जिससे रेलवे को लगभग 25 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इस सम्बन्ध में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विश्व रंजन ने बताया कि मई माह में रेलवे द्वारा मंडल में कुल 36 लाख 23 हजार यात्रियों को यात्रा कराकर 80 करोड़ 45 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
वर्तमान में जबलपुर मंडल के सभी स्टेशनों पर ऑनलाइन अनारक्षित रेल टिकट बुकिंग के लिए यूटीएस ऑन मोबाइल ऐप की सुविधा उपलब्ध है। यूटीएस ऑन मोबाइल ऐप शुरू करने का मकसद डिजिटल टिकटिंग मोड को प्रोत्साहित करना, सेल्फ टिकटिंग को बढ़ावा देना और यह सुनिश्चित करना है कि यात्री कतारों की परेशानी का सामना किए बिना टिकट खरीद सकें।
मंडल में मोबाइल ऐप से टिकिट बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए गूगल प्ले स्टोर, विन्डों स्टोर और एप्पल स्टोर पर यूटीएस नाम के ऐप को डाउनलोड करके रजिस्ट्रेशन हेतु साइन अप करें। इसके उपरांत टिकिट बुक करने हेतु लाग इन करके आईडी मोबाइल नम्बर में रजिस्टर करें। जिससे मैसेज के द्वारा प्राप्त चार अंकों का पासवर्ड का उपयोग हेतु मिलेगा, अब टिकिट बुक करने हेतु आर-वालेट का उपयोग करें।
मोबाइल ऐप से टिकिट लेने में अनेक लाभ हैं, जिस में आपका मोबाइल ही आपका टिकिट बन जाता है। इसके आफ लाइन मोड में होने पर भी टिकिट दर्शाया जा सकता है।
इसे प्रारम्भिक स्टेशन से 30 मीटर और अधिकतम 20 किमी के दायरे में टिकिट बुक किया जा सकता हैं और पेपर की बचत, गो पेपरलेस, गो कैशलेस ऐप द्वारा तनाव रहित टिकिट बुक किये जा सकते हैं। इस एप्प द्वारा निरंतर यात्रा करने वालों के लिए रियायत दर पर मासिक सीजन टिकिट और उसका नवीनीकरण किया जा सकता है ।
इस सुविधा का अधिकाधिक उपयोग करने के लिए मंडल में वाणिज्य कर्मियों द्वारा व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, साथ ही पोस्टर/बैनर के माध्यम से महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर विभिन्न प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है।
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