नई विधा पूर्णिका पर विश्वविद्यालय में होगा शोध, पाठ्यक्रम में किया जायेगा शामिल

   

 
जबलपुर। साहित्य की नई विधा पूर्णिका पर उत्सव गरिमामय माहौल में अंतरराष्ट्रीय पूर्णिका मंच, आभा साहित्य संघ जबलपुर म.प्र. द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. ललित कुमार सिंह 'ललित' ने कहा कि साहित्य की नई विधा पूर्णिका साहित्य में नई संभावनाएं जगाती है। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. रामायण प्रसाद टंडन ने कहा कि नई विधा पूर्णिका पर विश्वविद्यालय शोध कराय जायेगा और इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा। 

पूर्णिका उत्सव के मुख्य अतिथि मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अलीगढ़ (उ.प्र.) के डॉ. ललित कुमार सिंह 'ललित', अध्यक्ष शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर जगदलपुर छत्तीसगढ़ के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. रामायण प्रसाद टंडन, अतिथि आचार्य भगवत दुबे, विशिष्ट अतिथि विजय बागरी कटनी, दीन दयाल उपाध्याय 'नीलेश' बिलासपुर छत्तीसगढ़, मंगल भाव प्रदाता महामहोउपाध्याय डॉ. हरिशंकर दुबे, आचार्य कृष्ण कांत चतुर्वेदी रहे। 
  • नव विधा पूर्णिका के 13 संग्रहों का विमोचन
इस उत्सव में जबलपुर के साहित्याचार्य एड. डॉ. सलप नाथ यादव "प्रेम" द्वारा स्थापित साहित्य की नव विधा पूर्णिका के 13 पूर्णिका संग्रह का विमोचन किया गया। जिसमें "पूर्णिका प्रसून" पूर्णिका संग्रह ओम प्रकाश खरे जौनपुर (उ.प्र.), पूर्णिका कदम... की पूर्णिका संग्रह अंशुल मिश्र "कदम जबलपुरी", सोच सुघ्घर जिनगी सुघ्घर (छत्तीसगढ़ी पूर्णिका संग्रह)
पूर्णिकाकार डॉ .खेदू भारती "सत्येश", तुम नहीं पूर्णिका संग्रह सतीश तिवारी "सरस" नरसिंहपुर (म.प्र.), पूर्णिका प्रवाह पूर्णिका संग्रह रजनी कटारे "हेम" जबलपुर, पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पूर्णिकाकारों की पुस्तकें सम्मिलित हैं। जिसमें सुखानुभुति पूर्णिका संग्रह डॉ. सलप नाथ यादव "प्रेम", जीवन दर्शन पूर्णिका संग्रह कुंज बिहारी यादव नरसिंहपुर, सच दिखाता आईना मधुकर सिंह चौहान मधुकर रतलाम (म.प्र.) ध्येय पथ पूर्णिका संग्रह दीनदयाल यादव "नीलेश" बिलासपुर, संगीतौषा कीरत सिंह यादव कीरत भिंड, मप्र, छत्तीसगढ़, पूर्णिका पर विमर्श संकलित, संपादित, प्रकाशित अंशुल मिश्र "कदम" जबलपुरी।




इस महोत्सव में डॉ. सलप नाथ यादव "प्रेम" द्वारा नगर देशभर से पधारे 31 पूर्णिकाकारों को अनुराग भारती यादव सम्मान से सम्मानित किया गया। पूर्णिकाकारों ने पूर्णिका उत्सव की सराहना करते हुए कहा कि साहित्य की इस नव विधा पर अब लोगों ने लिखना शुरू कर दिया है। जिसका परिणाम ये है कि आज एक साथ 13 पूर्णिका संग्रह विमोचित हुए। इस महान उपलब्धि के लिए हम पूर्णिका जनक डॉ. सलप नाथ यादव "प्रेम" को बहुत बहुत बधाई देते हैं। 
इस महोत्सव में नगर के अनेक साहित्यकार उपस्थित रहे। विमोचन व सम्मान के बाद आयोजित पूर्णिका सम्मेलन में पूर्णिकाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं ।

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