समाज तब उन्नति करता है, जब समाज के सभी लोग एकजुट होकर काम करते हैं : सूरज करकाडे


हर्षोल्लास के साथ मनाई गई संत जगनाडे महाराज की जयंती, बड़ी संख्या में सामाजिक जन रहे उपस्थित

बालाघाट/अक्षर सत्ता। ऐरडेले तेली समाज संगठन द्वारा तेली समाज के आराध्य संत जगनाडे महाराज का जिला स्तरीय जन्म महोत्सव का कार्यक्रम बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ वारासिवनी में मनाया गया। समाज के वरिष्ठ एवं वृद्ध जनों द्वारा सर्वप्रथम संत जगनाडे महाराज की छायाचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। समाज के अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं महिला समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य अतिथियों द्वारा महाराज जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण किया गया। सामुदायिक भवन वार्ड नंबर 5 वारासिवनी से एक विशाल रैली निकाली गई। जो नगर के दीनदयाल चौक, बस स्टैंड, नेहरू चौक, गोली मारी चौक, नगर पालिका होते हुए सब्जी मंडी, अनाज मंडी, लालबर्रा रोड, पशु चिकित्सालय होते हुए पुनः वार्ड नंबर 5 के सामुदायिक भवन वारासिवनी पहुंची। जहां पर समाज के पदाधिकारियों द्वारा सामाजिकजनों को संबोधित किया गया। 


इस अवसर पर ऐरडेले तेली समाज संगठन के अध्यक्ष सूरज करकाडे ने कहा कि समाज तब उन्नति करता है, जब समाज के सभी लोग एकजुट होकर समाज को निरंतर बढ़ाने का काम करते हैं। संत जगनाडे महाराज के जीवन में प्रकाश डालते हुए बताया कि श्री संताजी जगन्नाडे महाराज का जन्म 8   दिसम्बर 1624  में चाकण गाँव में हुआ था। जो वर्तमान समय में पुणे जिले के खेड़ तहसील में आता है। उनका जन्म जगन्नाडे परिवार में श्री विठोबा पंत और मथुबाई के यहाँ हुआ था। उनके घर का वातावरण आध्यात्मिक और धार्मिक था। उनके माता-पिता विट्ठल भक्त थे। उनके घर का वातावरण आध्यात्मिक और धार्मिक था। उनके माता-पिता  विट्ठल भक्त थे। श्री संताजी की माता नियमित चक्रेश्वर के मंदिर जाती थीं। छोटे संताजी अपनी माँ के साथ प्रतिदिन मंदिर जाते थे।
ऐसे ही एक दिन, संताजी महाराज और उनकी माँ चक्रेश्वर मंदिर जा रहे थे। संता जी ने देखा सड़क पर  एक भिखारी सभी आने जाने वाले लोगों से भीख मांग रहा था। संताजी ने अपनी माता जी को रुकने के लिए कहा व उनकी हाथ से भोग की थाली को ले कर उस गरीब भिखारी को दे दी। ऐसे हमारे समाज के संत थे। उनके जीवन का अनुसरण करते हुए हमें अपने जीवन में उनका पालन कर अपने जीवन को उत्तमता की ओर ले जाना है। 



इस दौरान प्रमुख रूप से दीनदयाल कोलते, सूरज करकाडे, शंकर कोलते, तिलक करकाड़े, रूमन देवारे, युवराज देवारे, तुलसी करकाड़े, मानक नागेश्वर, बल्लू निकूरे, अनिल देवारे, देवी प्रसाद ठाकरे, योगेश करकाडे, सूखचंद कोलते, आनंद देवारे, नीतू देवारे, भागचंद कोलते, सीमा देवारे, संगीता नागेश्वर, रानी करकाड़े, सोहनलाल खाडकूरे, रविंद्र मुरारी, अनिल मुरारी, दीवान चंद करकाडे, रमेश करकाड़े, लक्ष्मी चंद करकाडे, सुदूलाल ठाकरे, हरीलाल ठाकरे, ईश्वरी करकाड़े, पूरनलाल खाडकुरे बड़ी संख्या में सामाजिक जन उपस्थित रहे।

Post a Comment

أحدث أقدم