मध्यभारत का पहला सुनियोजित शहर बनेगा जबलपुर : सीएम डॉ. मोहन यादव


  • रोजगार आधारित उद्योग लगाने के लिए स्थानीय उद्योगपतियों को मिलेगा अवसर
  • पिछले 3 महीनों में 9 सेक्टर में 9567 करोड़ का हुआ निवेश, 19 हजार से अधिक को मिला रोजगार
  • सीएम के नए निर्देश अब जिला स्‍तर भी होगी इन्‍वेस्‍टर्स मीट

  • विगत 3 वर्षों में हुआ महाकौशल क्षेत्र में निवेश

प्रमुख सचिव उद्योग श्री संजय शुक्ला ने पिछले 3 माह में महाकौशल क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र में आये व्यापक बदलाव की जानकारी का प्रेजेन्टेशन दिया। उन्‍होंने बताया कि महाकौशल में 9 सेक्टर में सीमेंट, टेक्सटाइल, लोहा एवं इस्पात, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, एथेनॉल, इंजीनियरिंग, एफएमसीजी और निर्माण सामग्री में काफी बदलाव आया है। 3 माह में 9567 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। जबकि 19 हजार 716 लोगों के लिए नए रोजगार सृजित हुए है।

  • महाकौशल में प्रस्तावित नई परियोजनाएं

राज्य शासन के उद्योग विभाग द्वारा महाकौशल क्षेत्र में आगामी नवीन परियोजनाओं की तैयारी की गई है। इनमें सिहोरा में 1379 एकड़ क्षेत्र में प्रमुख अधोसंरचना (ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर) कार्य प्रस्तावित है। जिसकी अनुमानित लागत 240 करोड़ रुपये है। इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र बुरकलखापा सिवनी में 11 करोड़ रुपये की लागत के कार्य, ग्राम सिमरा एवं कैलवारा खुर्द, कटनी के रहती में ही लगभग 400 एकड़ में कटनी से 20 किमी. दूर व स्टेट हाईवे से 3 किमी. और हरदुआ रेलवे स्टेशन से 1 किमी दूरी पर स्थापित करने की योजना है।

  • महाकौशल में निर्माणाधीन परियोजनायें और नवीन औद्योगिक क्षेत्र

औद्योगिक क्षेत्र उमरिया डंगरिया, जिला जबलपुर का विस्तार 60.5 एकड़ में किया जा रहा है। वहीं इंडस्ट्रियल पार्क नरसिंहपुर-दो का विकास, औद्योगिक क्षेत्र टिकरिया कटनी का विकास 7.72 करोड़ रुपये से किया जा रहा है। वहीं औद्योगिक क्षेत्र हरगड़ में 19.22 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। साथ ही औद्योगिक विकास केंद्र मनेरी मंडला में 45.36 करोड़ से डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाइन का कार्य प्रगति पर है। साथ ही औद्योगिक विकास केंद्र मनेरी मंडला में भी 19.56 करोड़ की लागत से विस्तार कार्य किया जा रहा है।

  • सीएम डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर नगर विकास की नई अवधारणा को सराहा

विकास कार्यो की समीक्षा बैठक में जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने मध्य भारत के सुनियोजित शहर निर्माण की रूपरेखा प्रस्तुत की। जिसमें नमामि देवी नर्मदे परियोजना को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें स्थानीय 18 घाटों को एक दूसरे से ऐसे कनेक्ट किया जाएगा। जिससे पर्यटन के अवसर बनेंगे। इन सभी घाटों पर 15 से 20 मिनट में सुगमता से आवागमन किया जा सकेगा। इसी में आरोग्य धाम ग्राम भी विकसित होगा। इसके अलावा 15 वें वित्त आयोग के ईनक्यूबेशन ऑफ 8 न्यू सिटीज के तहत जबलपुर में टेक्सटाइल एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर का प्रस्ताव भारत शासन को प्रेषित किया गया है। जिसकी कुल लागत 3727.16 करोड़ रुपये है।  इस योजना का कुल क्षेत्र 332 हेक्टेयर प्रस्तावित है। इसमें पूर्व से जबलपुर के गारमेंट व्यवसाय का विस्तार करने के लिए जबलपुर टेक्सटाइल एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर प्रस्तावित किया गया है। जो पर्यावरण को ध्यान में रखतें हुए नेट जीरो डिस्चार्ज एवं ग्रीन प्रौद्योगिकी का समावेश शामिल है। साथ ही पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के माध्यम से होटल, अस्पताल, स्कूल, मॉल, लॉजिस्टिक पार्क, हाइराइज एवं अन्य रहवासी इमारतों का निर्माण किया जाएगा। प्रस्तावित क्लस्टर से 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से तथा 20 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन की संभावना बताई गई है। वहीं ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण राज्‍य शासन के सहयोग से किये जाने की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर कलेक्टर द्वारा नगर विकास की प्रस्तुत की गई अवधारणा की सराहना की।

बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल,लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री  संपतिया उइके, केन्‍द्रीय इस्‍पात एवं ग्रामीण विकास मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, खजुराहो सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा, संभाग के सभी जिलों के सांसद व विधायकगण, महापौर, सहित मुख्य सचिव वीरा राणा, जबलपुर संभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार और एडीजीपी चंचल शेखर, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह, आयुक्त जनसंपर्क संदीप यादव संभागायुक्‍त अभय वर्मा एडीजीपी उमेश जोगा, आईजी बालाघाट संजय कुमार और सभी संभाग के जिलों के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद रहे। 

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