साड़ी से सक्षमता... साड़ी वॉकाथॉन 4 फरवरी को, दिखेगी संस्कृति और मातृशक्ति की 'ऊर्जा'



जबलपुर/अक्षर सत्ता। रानी दुर्गावती की वीरता और बलिदान की भूमि संस्कारधानी जबलपुर में पहली बार मातृशक्ति अपनी संस्कृति का निर्वहन करते हुए नई ऊर्जा का संचार करेंगी। जिसे साकार करने का बीड़ा भी शहर की महिलाओं ने उठाया है। रविवार की सुबह कुछ ऐसा ही नजारा देखने मिलेगा। जब पारम्परिक साड़ी पहनकर सैकड़ों की संख्या में मातृशक्ति वॉकाथॉन में शामिल होकर लोगों की अपनी ऊर्जा और शक्ति से परिचय कराएगी। उक्त जानकारी ऊर्जा पावर विद इन अस की अध्यक्ष अर्चना शुक्ला दीक्षित ने दी।

उन्होंने बताया कि सामाजिक संगठन ऊर्जा गहिलाओं को शक्तिशाली बनाने और विशेष रूप से दिव्यागदिव्यांग बच्चों को समर्थन प्रदान करने का संकल्पित है, इसी श्रृंखला के अंतर्गत ऊर्जा द्वारा साड़ी वॉकाथॉन का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संगठित मंच से महिलाओं में मानसिक परेशानियों एवं इनसे निदान प्राप्त करने के उपयोगी तरीकों की जानकारी प्रदान करके समाज में जागरूकता बढ़ाना है।


  • साड़ी पहन कर ही शामिल होंगी महिलाएं और युवतियां
वॉकाथॉन 4 फरवरी को सुबह 7 बजे से भंवरताल गार्डन के मुख्य द्वार से शुरू होगी, जो कि आसपास की गलियों से भ्रमण करते हुए पुन गुख्य द्वार पहुंचकर समाप्त होगी। साड़ी वॉकाथॉन में महिलाओं को साड़ी  के साथ जूते पहन कर चलना होगा। साड़ी को लेकर आज भी लोगों में एक अलग ही भ्रान्ति है कि साड़ी पहनने वाली महिलाएं घरों में रहकर केवल चूल्हा-चौका ही करती है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। है। परंपरा और परिधानों का सम्मान करते हुए भी आज देश दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं। इसी को लेकर हमने पहली बात संस्कारधानी में साड़ी वॉकाथॉन का आयोजन किया है। जिसमें महिलाएं और युवतियां केवल साड़ी पहन कर ही शामिल होंगी।
  • साड़ी सक्षम भारतीय नारी की पहचान
सदस्य पारुल अग्रवाल ने बताया साड़ी वॉकाथॉन के माध्यम से ऊर्जा संगठन ने महिलाओं को समाज को यही संदेश देने का प्रयास किया जाएगा कि साड़ी सिर्फ एक परिधान नहीं है, बलि हम जैसी सक्षम भारतीय नारी की पहचान भी है, और यदि हम चाहे तो साड़ी पहन कर आसमान भी छू सकते हैं। 

ऊर्जा के इस आयोजन में समाज के अन्य सहयोगी संगठनों का सहयोग मिला रहा है। कार्यक्रम के आयोजन में अर्चना शुक्ला दीक्षित की अध्यक्षता में संगठन के सभी सदस्यों काजल तलरेजा, पारुल अग्रवाल, दिव्या दिवाकर, पल्लवी पाठक, सुरभि मिश्रा एवं शीतल गुप्ता का सहयोग है।

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