आर्ट ऑफ लिविंग आनंद अनुभूति शिविर सत्संग के साथ सम्पन्न
बालाघाट/अक्षर सत्ता। आर्ट ऑफ लिविंग आनंद अनुभूति शिविर का आयोजन श्री श्री सत्संग हॉल बूढ़ी बालाघाट में किया गया। इस मौके पर प्रशिक्षक सुरजीत सिंह ने बताया कि शिविर में शामिल साधकों ने अपने अनुभव में बताया कि इस कोर्स के माध्यम से एकाग्रता, स्मरणशक्ति, आत्मविश्वास में बढ़ोतरी निर्णय लेने की क्षमता में विकास, सम्बन्धों में मधुरता, उच्च कार्य क्षमता और उर्जा, नेतृत्व क्षमता में विकास, परिस्थितियों और व्यक्तियों से निपटने की कुशलता एवं विचारों में स्वच्छता, शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं से लड़ने की शक्ति मिली।
- सुदर्शन क्रिया व ध्यान प्राणायाम सिखाया
शिविर में विशेष तौर से सुदर्शन क्रिया व ध्यान प्राणायाम सिखाया गया जो कि बहुत ही प्रभावी है। हमारे शरीर के सभी विषैले पदार्थ, श्वास द्वारा शरीर से निकल जाते हैं। यदि हम अपने शरीर से अधिक मात्रा में शारीरिक व भावनात्मक तनाव निकालेंगे तो हमारे जीवन का दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल सकता है। साधकों ने तनावग्रस्त व शारीरिक तौर पर अस्वस्थ जीवन जीने वालों से आव्हान किया है कि जिंदगी को बदलने और स्वयं में बदलाव लाने के लिए वे एक बार आर्ट ऑफ लिविंग के हैप्पीनेस कार्यक्रम का हिस्सा ज़रूर बनें।
- आनन्द अनुभूति शिविर 27 फरवरी से
यह आनन्द अनुभूति शिविर 27 फरवरी से 4 मार्च तक ग्राम पंचायत सामनापुर में सुबह 6 से 9 बजे तक पुन: किया जाएगा। आनंद अनुभूति शिविर जिसके प्रशिक्षक सुरजीत सिंह ठाकुर और भानु प्रताप खंडे होंगे।
- साधकों ने बांटे अपने विचार
शिविर के दौरान प्रतिभागियों ने कहा कि हमने शिविर के दौरान जहां जीने की कला सीखी, वहीं सुदर्शन क्रिया,योग ध्यान, प्राणायाम के साथ ही दैनिक जीवन को कैसे व्यवस्थित करें यह भी सीखा, वहीं राष्ट्र व समाज की ज़िम्मेदारी लेकर हम किस तरह ज़िम्मेदारी पूर्वक मानव उत्थान के लिये अपना योगदान दे सकते हैं, इस बात का हमें इस शिविर में अहसास हुआ। हम तनावग्रस्त जीवन जी रहे थे, हमने श्वांस की यह चमत्कारिक तकनीक सुदर्शन क्रिया कर मानसिक व शारीरिक स्तर पर बहुत कम समय में अधिक परिवर्तन महसूस किया। सुदर्शन क्रिया करने के बाद मन में खुशी, उमंग, उत्साह, स्वतंत्रता का एक नया एहसास होने लगा है।
हिम्मत सिंह लिल्हारे ने बताया कि मैं भूतपूर्व सैनिक हूं। सुदर्शन क्रिया के बाद महसूस हुआ कि जीवन क्या है, सुदर्शन क्रिया करने के बाद मन को विश्राम मिला। रामसिंह नगपूरे ने बताया कि सूदर्शन क्रिया करने के बाद से तनाव से मुक्ति मिली और अभी मैं पहले से ज्यादा ऊर्जावान महसूस कर रहा हूँ। पूनम बिसेन ने बताया कि मै एक योग प्रशिक्षिका हूँ। जब सुदर्शन क्रिया सीखी तो मन को विश्राम और बहुत सारी समस्याओं का हल निकल गया।
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