केवल महिलाएं खेलती हैं यह अनोखी होली

केवल महिलाएं खेलती हैं यह अनोखी होली



हमीरपुर। उत्तर प्रदेश में हमीरपुर जिले सुमेरपुर क्षेत्र में होली के अगले दिन सिर्फ महिलायें होली मनाती हैं और इस होली को पुरुषों को देखना भी मना है।
कुंडौरा गांव में छह दशकों से महिलाओं द्वारा अनोखी होली खेलने की परंपरा है। यह आज मंगलवार को खेली जायेगी। महिलाओं की धमाचौकड़ी में पूरे गांव के सभी ग्रामीण घरों में कैद हो जाते हैं या देर शाम तक खेत खलिहानों में ही रहते हैं। परंपरा के अनुसार इस होली को पुरुष नहीं देख सकते हैं।
  • फाग खत्‍म होने पर ही पुरुषों को घर लौटने की इजाजत
इस होली मिलन समारोह में बूढ़ी और घूंघट वाली महिलाएं पूरे गांव में धमाल मचाती हैं। महिलाओं की यह अनोखी होली सूर्यास्त तक चलती है। महिलाओं का फाग खत्‍म होने के बाद ही पुरुषों को घर लौटने की इजाजत है।
होली की फाग का शुभारंभ गांव के ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर से होता है। पूरे गांव के गली कूचों और मुहल्लों में होली की धमाल करने के बाद महिलाओं की फाग खेरापति बाबा के मंदिर परिसर में खत्‍म होती है सिर्फ महिलाओं द्वारा होली खेलने की यह अनूठी परंपरा छह दशक पूर्व महिलाओं ने शुरू की थी।
बुजुर्गों का कहना है कि होली के अगले दिन परेवा को फाग निकलते समय बदमाशों ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी, उसी भय से पुरुषों ने फाग नहीं निकाली थी तो गांव की महिलाओं ने दूज को पूरे गांव में फाग निकाली थी। साहस और एकता की शक्ति का एहसास कराया था, महिलाओं का साहस देखकर पुरुषों ने उसके बाद परेवा को फाग निकालने का क्रम शुरू कर दिया था।
  • ढोल मजीरा लिए बुजुर्ग महिलाएं गाती हैं गीत 
पूरे गांव की महिलाएं रामजानकी मंदिर में एकत्र होती है फिर यहां से फाग निकाली जाती है। गाजे और बाजे के साथ महिलाओं की फाग गली कूचे और मुहल्लों से होते हुए जगह जगह पर नाच गाना होता है। हर घर से महिलाएं इस अनूठी परंपरा में शामिल होती हैं। बुजुर्ग महिलाएं ढोल मजीरा बजाते हुए मधुर गीत गाती हैं। सभी महिलाएं एक दूसरे को गुलाल लगाकर एक दूजे का सम्मान करती हैं। ईश्वर से सभी के सुखमय जीवन की कामना करती हैं।

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