महिला यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता : जीएम पमरे
"मेरी सहेली" अभियान में एक लाख से अधिक महिला यात्रियों को मिली मदद
जबलपुर/अक्षर सत्ता। पश्चिम मध्य रेल ने मेरी सहेली अभियान के तहत तीनों मंडलों के विशेष महिला वाहनियों की टीम द्वारा माह अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान मेरी सहेली अभियान के तहत 21251 यात्री ट्रेनों में 105120 महिला यात्रियों को सहायता प्रदान की गई। वर्ष 2022-23 के दौरान मेरी सहेली अभियान के तहत 12914 यात्री ट्रेनों में 46451 महिला यात्रियों को सहायता प्रदान की गई।
पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय के कुशल मार्गदर्शन में सम्पूर्ण पश्चिम मध्य रेलवे में मेरी सहेली अभियान के तहत महिला यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। महाप्रबंधक द्वारा महिला रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए विभिन्न बैठकों में भी रेल सुरक्षा बल को शिकायत मिलने पर त्वरित कारवाई के निर्देश दिए हैं।
- जबलपुर मण्डल में 7412 यात्री ट्रेनों में 36841 महिला यात्रियों को सहायता प्रदान की गई।
- भोपाल मण्डल में 8123 यात्री ट्रेनों में 39471 महिला यात्रियों को सहायता प्रदान की गई।
- कोटा मण्डल में 5716 यात्री ट्रेनों में 28808 महिला यात्रियों को सहायता प्रदान की गई।
- अकेली महिला यात्री पर खास ध्यान
पमरे द्वारा ऑपरेशन मेरी सहेली अभियान के तहत महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए अहम भूमिका निभा रही है। महिला यात्रियों से काफी सराहना मिली है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे में महिला सुरक्षा के लिये ऑपरेशन मेरी सहेली पहल के तहत शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य ट्रेनों में यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना है। इस ऑपरेशन के अंतर्गत जो महिला यात्री अकेले सफर करती है, उन यात्रियों का विशेष ध्यान मेरी सहेली रख रही है। अकेली यात्रा करने वाली महिला यात्री सुकून के साथ अब ट्रेन से सफर कर रही है।
- कैसे काम करती ऑपरेशन मेरी सहेली
प्लेटफार्म पर ट्रेन के रुकते ही हर कोच में टीम की एक-एक महिला जवान अंदर जाकर महिला यात्री से मेरी सहेली की पूरी जानकारी देकर एक फॉर्म में उनका मोबाइल, नाम और अंतिम स्टेशन के बारे में पूछती है। ट्रेन में भी मेरी सहेली की टीम महिलाओं से लगातार संपर्क में रहती हैं। इस योजना के तहत ट्रेन से सफर तय करने वाली महिला यात्रियों के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करना है। महिलाओं की सुरक्षा और समस्याओं से निपटने के लिए मेरी सहेली निगरानी रखती है। मेरी सहेली की टीम को इसकी शिकायत मिलते ही टीम के सदस्य रिस्पॉन्स देती है और समस्या को दूर किया जाता है।
- टोल फ्री नंबर पर महिलाएं कर सकती हैं साझा
योजनाबद्ध तरीके से आरपीएफ महिला विंग की मेरी सहेली टीम बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। महिला आरपीएफ कर्मियों की टीम महिला यात्रियों पर फोकस करती है और उन्हें यात्रा के दौरान किस तरह सुरक्षित रहना है, इसकी पूरी जानकारी दे रही है। 139 और 182 आपातकालीन नंबर भी ऐसी महिला यात्रियों के साथ साझा किया जाता है।
रेल प्रशासन महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प हैं। इस योजना के शुरू होने से महिलाएं काफी खुश है अब महिलाएँ मेरी सहेली के साथ सुरक्षित यात्रा कर रही हैं।
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