यूपी में अपने रिश्तेदारों को जिताने में जुटे हैं एक दर्जन से ज्यादा नेता

  

लखनऊ |  यूपी में करीब एक दर्जन से अधिक नेता ऐसे हैं जिनके बेटे, बेटी और पिता चुनाव मैदान में उतरे हैं और इन्हे जिताने के लिए तमाम सियासी दिग्गज एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। कुछ एक सीट तो ऐसी भी हैं, जहां मंत्री पिता को चुनाव जीतने के लिए उनके बेटे चुनावी मैदान में पसीना बहा रहे हैं।

यूपी में सियासी दिग्गज अपने दलों और जातियों के बड़े चेहरे हैं। यह चर्चित नेता सूबे ही तमाम लोकसभा सीटों पर भी सजातीय मतदाताओं का रुख अपनी पार्टी या गठबंधन की ओर मोड़ने में सफल होते रहे हैं। लेकिन इस बार यह नेता अपने बेटे-बेटियों को चुनाव लड़ाने के फेर में यह एक सीट विशेष पर सिमट कर रह गए हैं। ऐसे चर्चित नेताओं में कांग्रेस के पन्ना लाल पुनिया (पीएल पुनिया), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के ओमप्रकाश राजभर, समाजवादी पार्टी के शिवपाल सिंह यादव, प्रो. रामगोपाल यादव, इंद्रजीत सरोज, राकेश वर्मा और तूफानी सरोज, निषाद पार्टी के संजय निषाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ब्रजभूषण शरण सिंह तथा अक्षयवर लाल गौड़ प्रमुख हैं।
  • पुत्र, पुत्री, पति, पत्नी सब कर रहे अपनों के लिए प्रचार  
इसके अलावा भाजपा सांसद राजवीर सिंह के पुत्र संदीप सिंह जो योगी सरकार में मंत्री हैं, वह भी अपने पिता के लिए एटा सीट पर चुनाव प्रचार करने में व्यस्त रहे हैं। कुछ इसी तरफ से सपा मुखिया अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव भी अपनी माँ डिम्पल यादव और पिता के चुनावी क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने पहुंची। अपना दल की मुखिया अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल भी इस मामले में पीछे नहीं रहे हैं, वह भी अनुप्रिया पटेल की जीत को सुनिश्चित करने के लिए मिर्जापुर में कैंप किए हुए।
  • ओमप्रकाश राजभर अपने बेटे के लिए घोसी सीट पर फंसे 
तीन चरणों का मतदान पूरा जाने के कारण शिवपाल सिंह यादव, प्रो रामगोपाल और संदीप सिंह तो अब पार्टी के अन्य उम्मीदवारों के क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने में जुट गए हैं। प्रो रामगोपाल और शिवपाल ने तो कन्नौज पहुँचकर अखिलेश यादव के चुनाव प्रचार अभियान अपने कंधों पर ले लिया हैं। इसके चलते अखिलेश यादव ने अब सूबे में राहुल गांधी के साथ चुनावी अभियान शुरू कर दिया हैं। वहीं एनडीए के घटक दल सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर अपने बेटे के लिए घोसी सीट पर चुनाव प्रचार करने में फंसे हुए हैं। घोषी में उन्हे भाजपा नेताओं का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहे हैं। वही दूसरी तरह त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे बेटे अरविंद राजभर को सियासी भंवर से उबारने को पिता एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। 
  • संतकबीरनगर सीट पर पसीना बहा रहे हैं मंत्री संजय निषाद
निषाद पार्टी प्रमुख और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद भी अपने बेटे प्रवीण निषाद के लिए संतकबीरनगर सीट पर पसीना बहा रहे हैं, प्रवीण निषाद भाजपा के टिकट पर इस सीट से चुनाव मैदान में हैं। इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया बाराबंकी सीट से कांग्रेस-सपा गठबंधन से चुनाव लड़ रहे हैं। तनुज बीते लोकसभा चुनाव में इस सीट से हारे थे, जिसके चलते इस बार पीएल पुनिया की प्रतिष्ठा इस सीट पर लगी है।
  • बेटे की जीत के लिए अब दिन रात एक कर रहे सांसद बृजभूषण शरण सिंह
भाजपा के हैवीवेट सांसद बृजभूषण शरण सिंह को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह बेटे करण भूषण सिंह को उतारा है। ब्रजभूषण का आसपास की सीटों पर भी प्रभाव है, लेकिन कुश्ती के अखाड़े से सियासी दुनिया में आए ब्रजभूषण भी सारे दांव-पेंच कैसरगंज सीट पर ही दिखाते दिख रहे हैं। वह इस सीट पर ही अपने को सीमित कर बेटे की जीत के लिए अब दिन रात एक किए हुए हैं। सपा के प्रमुख नेता और पासी समाज के प्रमुख चेहरे इंद्रजीत सरोज का बेटा और तूफानी सरोज की बेटी चुनाव लड़ रहे हैं। तूफानी सरोज की बेटी प्रिया सरोज मछली शहर सीट से चुनाव मैदान में है। इसी प्रकार श्रेया वर्मा अपने दादा की सीट गोंडा से चुनाव मैदान में है।उसे जिताने के लिए बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। 
  • अफजाल अंसारी की जीत की दुआ करने शिवमंदिर में पूजा करती नजर आईं उनकी बेटी नुसरत अंसारी 
गाजीपुर सीट से चुनाव लड़ रहे सपा उम्मीदवार अफजाल अंसारी की जीत की दुआ मांगने के लिए उनकी बेटी नुसरत अंसारी बीते दिनों शिवमंदिर में पूजा करती नजर आईं। कुल मिलकर सियासी दिग्गजों और उनके परिवार के लोग जिस तरह से अपने चहेतों को जीतने के लिए पसीना बहा रहे हैं, उसके चलते सूबे का चुनाव काफी रोचक हो गया है।

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