नई दिल्ली। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें खुलासा हुआ कि भारत बायोटेक द्वारा निर्मित 'कोवैक्सीन' लेने वाले एक तिहाई मरीजों में पाया गया कि उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी होने की बात सामने आई है। इतना ही नहीं उन्हें कई अन्य बीमारियों से भी गुजरना पड़ा।
रिपोर्ट में सामने आया कि वैक्सीन लेने के एक साल बाद प्रतिकूल घटनाएं सामने मरीजों में आईं। रिपोर्ट में पाया गया कि 926 लोगों में पता चला कि उन्हें बीमारी होने के साथ-साथ एईएसआई जैसी बीमारी होने का सामने आई है, जिसमें शिकायत आई कि ऊपरी श्वसन पथ में वायरल संक्रमण सबसे ज्यादा होने की बात सामने आई है।
इसमें एक प्रतिशत लोगों में स्ट्रोक और गिल्लन बर्रे सिंड्रोम पाया गया है। स्टडी में पता चला कि जनवरी 2022 से अगस्त 2023 के बीच 635 किशोरों और 291 एडल्ट्स ने वैक्सीन को लिया। कॉमन एईएसआई ने ये भी भांपा कि किशोरों में स्कीन से जुड़ी बीमारियां और चमड़ी के नीचे के विकार, सामान्य बीमारी और तंत्रिका तंत्र में भी समस्या होने की बात सामने आई।
स्टडी में ये भी सामने आया कि किशोरों, महिलाओं ने कोविड-19 से जुड़ी समस्या से बचने के लिए वैक्सीन लगाई, जिन लोगों को टीकाकरण के बाद टाइफाइड हुआ, उनमें लगातार एईएसआईएस की संभावना क्रमशः 1.6, 2, 2.7, 3.2 गुना अधिक थी।
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