धीरज बसाक
नदियों में पानी के साथ अनगिनत रोचक और रोमांचक कहानियां भी बहती रहती हैं, लेकिन झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से होकर बहने वाली स्वर्णरेखा एक ऐसी नदी है जिसके पानी में कहानियां नहीं सोना बहता है। लेकिन रुकिए स्वर्णरेखा दुनिया की ऐसी इकलौती नदी नहीं है और भी कई नदियां हैं जहां सोना से लेकर हीरा, पन्ना भी बहते हैं। यह अकारण नहीं है कि सिर्फ आषाढ़, सावन और भादो जैसे मानसून में ऊफान वाले तीन महीनों को छोड़ दें तो हर समय स्वर्णरेखा नदी में अलग-अलग जगहों पर सैकड़ों लोग अपनी किस्मत बदल डालने के लिए सोने की खोज में लगे रहते हैं। भले ही सदियों से वैज्ञानिकों के लिए यह रहस्य का विषय हो कि आखिर इस नदी में सोना आता कहां से है, मगर वह सदियों से बह रहा है, अविरल बह रहा है।
- 24 कैरेट सोने के कण ढूंढ़ते मिल जायेंगे सैकड़ों लोग
शायद इसीलिए इस नदी का नाम स्वर्णरेखा है। झारखंड रांची से 16 किलोमीटर दूर नगड़ी गांव में रानी चुआं नामक जगह से (जिसे रत्नगर्भा भी कहा जाता है) निकलने वाली स्वर्णरेखा नदी 474 किलोमीटर तक बहती है। नदी में हमेशा सैकड़ों लोग अलग-अलग जगहों में सोने के कण ढूंढ़ते मिल जायेंगे। माना जाता है कि अगर आपकी किस्मत अच्छी है तो महीने में औसतन 60 से 80 चावल के बराबर के ये सोने के कण मिल जाते हैं, जो विशुद्ध 24 कैरेट सोना होते हैं। इस तरह देखें तो आमतौर पर सोना ढूंढ़ने में अपने आपको खपा देने वाले लोग हर महीने कई हजार रुपये का सोना ढूंढ़ लेते हैं। लेकिन जैसा कि हमने कहा स्वर्णरेखा दुनिया की अकेली ऐसी नदी नहीं है, जिसमें सोना बहता है। देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कई और ऐसी नदियां बहती हैं, जिनमें पानी के साथ सोना और हीरा भी बहते हैं।
- सोन नदी में बहते हुए मिल जाते हैं हीरे के कण
मसलन मध्य प्रदेश में बहने वाली सोन नदी में सोने के कणों की तरह हीरे के कण बहते हुए मिल जाते हैं। जबकि आंध्र प्रदेश में बहने वाली कृष्णा नदी में भी अनेक लोगों को छोटे हीरे मिल चुके हैं। यही हाल अफ्रीकी देश बोत्सवाना में बहने वाली आरपेनेज नदी का है, यहां भी बहुत बार लोगों को बहते हुए हीरे मिले हैं। भारत और कनाडा की तरह यहां भी बड़े पैमाने में लोग इन हीरों की तलाश में अकसर नदी में घुसे रहते हैं।
- ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी हैं ऐसी नदियां
ऑस्ट्रेलिया में कहने फ्रीमेन नदी और अमेरिका में बहने वाली जोन्स नदी भी ऐसी ही नदियों में शामिल हैं, जहां हीरे के टुकड़े बहते हुए मिल जाते हैं। अमेरिका की एक और नदी है, जिसे सैक्रामिंडो नदी कहते हैं, जिसके किनारों में सोने की परत चढ़ी हुई है, कैलिफोर्निया गोल्ड रस की शुरुआत यहीं हुई थी। जबकि माउंटेनमैन पॉलीन वीवर ने 1862 में कोलोराडो नदी के पूर्वी किनारे पर सोने की खोज की थी। वीवर की इसी खोज ने आने वाले सालों में लॉ पॉज, ऐरीजोना और नदी के किनारे की कई अन्य जगहों पर कोलोराडो नदी गोल्ड रस की शुरुआत हुई। कनाडा की क्लोंडाइक नदी, जो कि यहां के डासन शहर से होकर बहती है। इसकी तलछट में भी सोने के कण पाये जाते हैं। कई लोग यहां भी इन कणों को हासिल करने के लिए तलछट की खुदाई करते रहते हैं।
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