नई दिल्ली | लोकसभा अध्यक्ष कौन बनेगा? इस सवाल पर का जवाब देश को 26 जून को मिल जाएगा। क्योंकि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होने जा रहा है। जो कि लोकसभा चुनाव के बाद संसद का पहला सत्र शुरू होने के दो दिन बाद होगा। लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को बताया कि उम्मीदवार के समर्थन में प्रस्ताव के लिए नोटिस एक दिन पहले दोपहर 12 बजे तक सदस्य जमा कर सकते हैं। हालांकि, अध्यक्ष के नाम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है क्योंकि सरकार ने अभी तक इस पद के लिए किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
लोकसभा बुलेटिन में कहा गया है कि चुनाव के लिए तय तिथि से पहले वाले दिन दोपहर 12 बजे से पहले किसी भी समय कोई भी सदस्य अध्यक्ष पद के लिए किसी अन्य सदस्य के समर्थन में प्रस्ताव की लिखित सूचना महासचिव को दे सकता है। इसमें बताया गया है कि "मौजूदा मामले में अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रस्ताव की सूचना मंगलवार, 25 जून को दोपहर 12 बजे से पहले दी जा सकती है।" पहले दो दिन नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण के लिए समर्पित होंगे, जबकि अध्यक्ष के चुनाव के लिए 26 जून की तिथि तय की गई है।
संसद सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक
नवनियुक्त संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद पहला संसद सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक चलेगा। रिजिजू के अनुसार, सत्र के पहले तीन दिनों में नवनिर्वाचित नेता लोकसभा की सदस्यता की शपथ लेंगे या प्रतिज्ञान करेंगे तथा सदन के अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। सत्र 3 जुलाई को समाप्त होगा। 27 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराए जाने की उम्मीद है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देंगे।
मोदी 3.0 में लोकसभा अध्यक्ष कौन होगा?
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन वह अपने दम पर 272 का जादुई आंकड़ा हासिल करने से चूक गई। चूंकि पार्टी 240 सीटें जीतने में सफल रही, इसलिए उसने चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू), चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (एलजेपी-आरवी), एकनाथ शिंदे की शिवसेना सहित अन्य सहयोगियों के समर्थन से सरकार बनाई। हालांकि भाजपा-एनडीए के नए शामिल मंत्रियों को अधिकांश सरकारी विभाग आवंटित किए जा चुके हैं, लेकिन मोदी 3.0 सरकार में अध्यक्ष पद की घोषणा अभी बाकी है। क्या अध्यक्ष एक बार फिर भाजपा से होगा या भगवा पार्टी के सहयोगियों से? आइए विश्लेषण करते हैं।
17वीं लोकसभा, जिसमें भाजपा 303 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत में थी, ने ओम बिरला को अध्यक्ष चुना। पहली बार ऐसा हुआ कि पांच साल के कार्यकाल के दौरान कोई उपाध्यक्ष नहीं चुना गया। संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार, लोकसभा जितनी जल्दी हो सके, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में दो सदस्यों का चयन करेगी, जब भी पद खाली हो। हालांकि, इसमें कोई विशिष्ट समय सीमा नहीं बताई गई है।
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