लेखक रघु ठाकुर, संरक्षक, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी
इटली के मिलान में जी7 की बैठक के पहले कुछ लोगों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया है ।ऐसा बताया जा रहा है कि यह लोग खालिस्तान के समर्थक हैं । मुझे यह सूचना आश्चर्य जनक भी है और अविश्वसनीय भी। यह आश्चर्यजनक इसलिए कि सिक्ख समाज के लोग जिनकी कुर्बानी भारत के लिए अभूतपूर्व है क्या उनकी संतानों के द्वारा ऐसी कोई हरकत संभव है ?
जब अंग्रेज भारत छोड़कर जा रहे थे तब उन्होंने सिख समाज के लिए प्रस्ताव दिया था कि वह प्रथक खालिस्तान की मांग करें जैसे कि पाकिस्तान के लिए मुस्लिम लीग ने की थी। परंतु हिंदुस्तान के राष्ट्रभक्त सिक्ख समाज ने महात्मा गांधी प्रति विश्वास और भरोसे पर उनके विचारों को सामने रखकर देश का बंटवारा नहीं मांगा बल्कि भारत में ही रहना स्वीकार किया ।
एक ऐसा सिक्ख समाज जो सदैव भारत की रक्षा के लिए अग्रणी रहा है, भारतीय सेना में जिसका इतिहास अभूतपूर्व है, जिसका योगदान हिंदुस्तान के सभी युद्धों को जीतने में महत्वपूर्ण है वह चाहे 1965 का हो या 1971 का हो उसकी महान संताने ऐसा काम कभी नहीं कर सकतीं। इसके बाद भी अगर कुछ लोग खालिस्तान के नाम पर ऐसी घटनाएं करते हैं तो वह अविश्वसनीय लगता है ।
मैं भारत सरकार के प्रधानमंत्री से अनुरोध करुंगा कि वह मिलान में महात्मा गांधी की प्रतिमा की स्थापना करें और साथ ही इटली सरकार से कहकर इसकी जांच भी करायें कि कहीं यह सिक्खों को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश तो नहीं है। जो देश में सिखों को बदनाम कर हिंसा फैलाना चाहते हैं और देश को तोड़ने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के हिस्से हैं।
- रघु ठाकुर
संरक्षक, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी
हां मैं गांधी, ग्रुप से साभार
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