ट्रेन हादसा: मालगाड़ी के चालक दल और परिचालन विभाग की चूक बनी वजह


नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 17 जून के कंचनजंघा एक्सप्रेस हादसे की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि न्यू जलपाईगुड़ी रेल मंडल के परिचालन विभाग और यात्री ट्रेन से टकराने वाली मालगाड़ी के चालक दल की चूक थी। दार्जिलिंग जिले में सोमवार को सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस से टकराने के बाद यात्री ट्रेन के गार्ड और मालगाड़ी के चालक (लोको पायलट) सहित कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी।

दुर्घटना के तुरंत बाद रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा था कि मालगाड़ी द्वारा सिग्नल की अनदेखी किए जाने के कारण यह टक्कर हुई थी। उन्होंने कहा था कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। रेलवे ने छह वरिष्ठ अधिकारियों की एक जांच टीम भी गठित की थी, जिन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है।

रिपोर्ट में पांच अधिकारियों ने मालगाड़ी के चालक पर सिग्नल के साथ-साथ गति सीमा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया जबकि एक ने असहमति जताते हुए कहा कि न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) रेल मंडल का परिचालन विभाग मार्ग की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय करने में विफल रहा है।

ज्यादातर लोगों का मानना ​​है कि मालगाड़ी के चालक दल (चालक, सहायक चालक और गार्ड) द्वारा "खतरनाक स्थिति में स्वचालित सिग्नल को पार करने" और "ट्रेन की गति" संबंधी नियम का पालन नहीं करने के कारण यह घटना हुई होगी। एनजेपी मंडल के मुख्य लोको इंस्पेक्टर (सीएलआई) ने अपने असहमति नोट में कहा कि 17 जून, 2024 को सुबह 5:50 बजे से स्वचालित और अर्ध-स्वचालित सिग्नल काम नहीं कर रहे थे। उन्होने रेल नियमों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में, उस खंड को ‘एब्सोल्यूट ब्लॉक सिस्टम' (एक समय में केवल एक ट्रेन को अनुमति देने की प्रणाली) में परिवर्तित किया जाना चाहिए था।

दुर्घटना से पहले का विवरण देते हुए जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कंचनजंघा एक्सप्रेस 17 जून को सुबह 8:27 बजे रानीपतरा स्टेशन से दो प्राधिकार पत्रों के साथ रवाना हुई थी। एक रेलवे सूत्र के अनुसार इन पत्रों के तहत ड्राइवर को सभी लाल सिग्नल पार करने की अनुमति थी और इनमें किसी भी गति का उल्लेख नहीं किया गया।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, वही दो प्राधिकार पत्र उस मालगाड़ी को भी जारी किए गए थे जो सुबह 8:42 बजे रानीपतरा स्टेशन से रवाना हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंचनजंघा एक्सप्रेस एक खराब सिग्नल पर रूकी हुई थी, तभी मालगाड़ी ने पीछे से उसे टक्कर मार दी। रेलवे सुरक्षा आयुक्त घटना की विस्तृत जांच कर रहे हैं।

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