नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पालघर जिले में बोल पाने में असमर्थ मानसिक रूप से अशक्त 16 वर्षीय एक किशोरी द्वारा सांकेतिक भाषा में दिए गए बयान के आधार पर उसके साथ बलात्कार करने के दोषी व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली वसई की एक विशेष अदालत ने मजदूर के रूप में काम करने वाले 48 वर्षीय दोषी को शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
विशेष पॉक्सो न्यायाधीश एसवी कोंगल ने अपने आदेश में दोषी सनेही श्रीकिशन गौड़ पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश पाटिल ने मुकदमे के दौरान अदालत को बताया कि गौड़ ने अपने पड़ोस में रहने वाली किशोरी के साथ जनवरी 2017 में उस समय बलात्कार किया, जब उसके घर में कोई नहीं था।
किशोरी ने बाद में इशारों में अपनी मां को यौन उत्पीड़न के बारे में बताया, जिसके बाद उसके परिवार ने गौड़ के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
दोषी शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। पाटिल ने कहा कि पीड़िता समेत अभियोजन पक्ष के नौ गवाहों ने अदालत में गवाही दी।
पीड़िता ने सांकेतिक भाषा के माध्यम से संवाद किया। अदालत ने कहा कि किशोरी मध्यम स्तर पर मानसिक रूप से अशक्त है और वह “अपराध के अच्छे-बुरे और सही-गलत को नहीं समझ सकती, जो इस कृत्य को गंभीर बनाता है”।
न्यायाधीश ने गौड़ को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए अपने आदेश में कहा, “मेरा मानना है कि अपराध की प्रकृति को देखते हुए आरोपी को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए।”
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