सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 लागू
केंद्र सरकार की ओर से देर रात इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी। इस कानून के तहत पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिका के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम तीन साल की कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की ओर से जारी राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है, “सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (2024 का 1) की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार एतद्द्वारा 21 जून 2024 को उक्त अधिनियम के प्रावधानों के लागू होने की तिथि के रूप में तय करती है।”
उल्लेखनीय है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को पांच फरवरी को लोकसभा में पेश किया था और लोकसभा में यह बिधेयक छह फरवरी को पास हो गया था। इसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया, जहां पर इसे 09 फरवरी को पास कर दिया गया था। दोनों सदनों से पास होने के बाद इस विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के पास मंजूरी के लिए भेजा गया और उन्होंने 13 फरवरी को इसे मंजूरी प्रदान कर दी थी। अब केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर इस कानून को शुक्रवार की आधी रात से देशभर में में लागू कर दिया है।
इस कानून के तहत पेपर लीक करने या अनुचित साधन का इस्तेमाल करने पर कम से कम तीन साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसके साथ ही परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सेवा प्रदाता के दोषी पाए जाने पर एक करोड़ रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
इस कानून के दायरे में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई), नीट, सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की तरफ से आयोजित सभी परीक्षाएं आएंगी। अब इन परीक्षाओं में कोई भी किसी भी तरह की गड़बड़ी करता पाया जाएगा, उसके खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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