देश में अब मनमर्जी नहीं, बल्कि ‘जनमर्जी’ चलेगी: अखिलेश


नई दिल्ली | समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि इस लोकसभा चुनाव में सकारात्मक राजनीति की जीत हुई, गत चार जून को सांप्रदायिक राजनीति से देश को आजादी मिली तथा ‘सामुदायिक राजनीति’ की शुरुआत हुई। सपा सांसद ने कहा कि देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आकांक्षा से चलेगा, और अब मनमर्जी नहीं, बल्कि ‘जनमर्जी’ चलेगी। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि इस चुनाव ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) को भी जिम्मेदारी का पैगाम दिया है। 

  • हम 80 लोकसभा सीट जीत जाएँ तो भी उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि यदि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट जीत जाएँ तब भी उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर भरोसा नहीं होगा।

  • सामुदायिक राजनीति की शुरुआत

यादव ने कहा कि चार जून (लोकसभा चुनावों के परिणाम वाला दिन) देश के लिए सांप्रदायिक राजनीतिक से आजादी का दिन था। सांप्रदायिक राजनीति का अंत हुआ और सामुदायिक राजनीति की शुरुआत हुई। इस चुनाव में सांप्रदायिक राजनीति की हमेशा के लिए हार हो गई।उन्होंने कहा कि सकारात्मक राजनीति की जीत हुई है। हम मानते हैं कि संविधान ही संजीवनी है और उसकी जीत हुई है।

  • अब एक ‘हारी हुई सरकार’ विराजमान

यादव ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि वह उन मतदाताओं का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका। यादव ने दावा किया कि जनता ने हुकूमत का गुरूर तोड़ दिया और अब एक ‘हारी हुई सरकार’ विराजमान है।उन्होंने कहा कि इस चुनाव में ‘इंडिया गठबंधन की नैतिक जीत हुई है। पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसख्यक), इंडिया गठबंधन की सकारात्मक राजनीतिक जीत हुई है, सामाजिक न्याय के लिए मुहिम की जीत हुई है।’ 

  • देश पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था लेकिन प्रति व्यक्ति आय कितनी 

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार कहती है कि देश पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, लेकिन यह क्यों छिपाती है कि अगर हम पांचवे स्थान पर हैं तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है ? उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है तो 35 प्रतिशत विकास दर चाहिए, जो संभव नहीं दिखाई देता है।

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