नई दिल्ली| मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मोदी सरकार के बजट को ‘नकलची’ और ‘कुर्सी बचाओ’ बजट बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की तरक्की वाला नहीं, बल्कि ‘मोदी सरकार बचाओ’ बजट पेश किया है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, सरकार ने ‘‘कुर्सी बचाओ” बजट पेश किया है जिसमें भाजपा को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं।
उन्होंने यह दावा भी किया कि यह बजट कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र और पिछले कुछ बजट की नकल है। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए। अपने मित्रों को खुश किया गया, ‘एए’ को लाभ दिया गया, लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई।”
कांग्रेस के घोषणापत्र का ‘कॉपी-पेस्ट’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले कुछ बजट का ‘कॉपी-पेस्ट’ किया गया है।” वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है जिसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।
कांग्रेस ने हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र (न्याय पत्र) में प्रशिक्षुता के अधिकार का वादा किया था जिसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था।
- कांग्रेस के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी नहीं कर पाया मोदी सरकार का “नकलची बजट
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की तरक्की वाला नहीं, बल्कि ‘मोदी सरकार बचाओ’ बजट पेश किया है। उन्होंने यह दावा भी किया कि यह ‘नकलची बजट’ है जिसमें सरकार कांग्रेस के ‘न्याय’ के एजेंडे की ठीक तरह से नकल नहीं कर पाई है।
खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का “नकलची बजट” ! मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी “रेवड़ियां” बांट रहा है, ताकि राजग बची रहे। यह “देश की तरक्की” का बजट नहीं, “मोदी सरकार बचाओ” बजट है।”
उन्होंने कहा, 10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुईं हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं। किसानों के लिए केवल सतही बातें हुईं हैं। डेढ़ गुना एमएसपी और आय दोगुना करना, सब चुनावी धोखेबाजी निकली। ग्रामीण वेतन (आय) को बढ़ाने का इस सरकार का कोई इरादा नहीं है।
- गांव-गरीब लोगों के लिए कोई भी क्रांतिकारी योजना नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक, माध्यम वर्ग और गांव-गरीब लोगों के लिए कोई भी क्रांतिकारी योजना नहीं है, जैसी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने लागू की थी। उन्होंने दावा किया महिलाओं के लिए इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे उनकी आर्थिक क्षमता बढ़े और वे श्रम बल में अधिक से अधिक शामिल हों।
खड़गे ने कहा, ‘‘महंगाई पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है और जनता की गाढ़ी कमाई लूट कर वह पूंजीपति मित्रों में बांट रही है। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, जन-कल्याण और आदिवासियों पर बजट में आवंटन से कम खर्च किया है क्योंकि ये भाजपा की प्राथमिकताएं नहीं हैं।”
उन्होंने दावा किया कि शहरी विकास, ग्रामीण विकास, अवसरंचना, विनिर्माण एमएसएमई, नीति, नजरिये और समीक्षा आदि की बात की गई है, पर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आये दिन रेल हादसे हो रहें हैं, ट्रेनों को बंद किया गया है, कोच की संख्या घटी है, आम यात्री परेशान हैं, पर बजट में रेलवे के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, कोई जवाबदेही नहीं है।”
- जातिगत जनगणना पर भी कुछ नहीं
उन्होंने दावा किया, ‘‘जनगणना व जातिगत जनगणना पर भी कुछ नहीं बोला गया है, जबकि ये पांचवां बजट है जो बिना जनगणना के प्रस्तुत किया जा रहा है। यह हैरान कर देने वाली अप्रत्याशित नाकामी है, जो लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है।”
खड़गे ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘20 मई 2024, यानी चुनाव के दौरन ही प्रधानमंत्री मोदी ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि “100 दिनों की कार्य योजना हमारे पास पहले से ही है। जब कार्य योजना दो महीने पहले थी तो कम से कम बजट में ही बता देते।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केवल जनता से धोखेबाजी करने में व्यस्त है।
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