नए आपराधिक कानूनों को वापस लेने का दिल्ली बार काउंसिल का अनुरोध



नई दिल्ली| दिल्ली बार काउंसिल ने एक जुलाई से लागू तीन नए आपराधिक कानूनों को वापस लेने का अनुरोध केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से किया।

दिल्ली बार काउंसिल के उपाध्यक्ष संजीव नसियार ने कहा कि नए कानून लागू होने के समय पूर्ववर्ती सरकार का कार्यकाल समाप्त हो चुका था।

श्री नसियार ने देते हुए कहा, "संवैधानिक औचित्य के रूप में इन कानूनों को नई निर्वाचित संस्थाओं की मंजूरी और अनुमोदन के बिना बदली हुई परिस्थितियों में लोगों पर नहीं थोपा जा सकता। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये संशोधन संवैधानिक सिद्धांतों और उच्चतम न्यायालय के फैसले की पूरी तरह से अवहेलना करते हैं।"

उन्होंने कहा, " धारा 187(3) के तहत पुलिस हिरासत की अवधि को 15 दिनों से बढ़ाकर 60/90 दिन करने को 'कम से कम कहने के लिए तो अत्याचारी और दमनकारी है।"

उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत अदालत की अनुमति के बिना हथकड़ी लगाने की शक्ति जनता के बीच राज्य (सरकार) के आतंक का संकेत देती है। इसलिए इन कानूनों को खत्म कर देना चाहिए।

श्री नसियार ने कहा कि अदालत की बिना‌ अनुमति हथकड़ी लगाने की शक्ति 'न्यायमूर्ति कृष्ण अय्यर के फैसले' के खिलाफ है। शीर्ष अदालत ने एकांत कारावास को मानवाधिकारों के लिए अस्थिर माना था।

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