पटना | बिहार में भी कांवड़ रूट पर दुकानों के आगे दुकान मालिक के नाम लिखने की मांग उठने लगी है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने इसकी मांग करते हुए कहा कि दुकान के आगे जब नाम होगा तो जो कांवड़ यात्री धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं, वो पहले ही नाम देख लेंगे। उनका मन होगा तो उस दुकान में जाएंगे और नहीं मन होगा तो नहीं जाएंगे। बाद में नाम पूछने से जो झगड़ा होता था वैसा कोई विवाद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दुकान मालिक का नाम जरूर दुकान के आगे होना चाहिए। चाहे हिंदू दुकानदार हों या मुसलमान हो।
बिहार हो या यूपी, ये होना ही चाहिए। वहीं, भाजपा विधायक की मांग पर बिहार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि ये एक तरह से सोची समझी रणनीति है। कौन दुकानदार भला अपने दुकान का नाम आगे नहीं लिखते हैं। सावन में इस तरह अलग से प्रदर्शित करने का औचित्य समझ से परे है। उपभोक्ता को भी ये पता होता है कि कौन दुकान उनके लायक है या नहीं है?
इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि ‘अगर हिन्दू नाम इतना प्रिय है तो हिन्दू क्यों नहीं बन जाते?’ इसे भी लोग कांवड़ यात्रा मार्ग में बनने वाले दुकानों से जोड़कर ही देख रहे हैं। गिरिराज सिंह ने यूपी में कांवरिया पथ पर भोजनालयों के नाम वाले विवाद पर कहा कि राज्य अपनी व्यवस्था और अनुशासन के लिए तात्कालिक नियम लगाती है।
अगर यूपी सरकार ने ये घोषणा की है तो सबको उसका पालन करना चाहिए। बिहार में लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ऐसा महसूस करेगी तो उसके अनुरूप काम करेगी। वहीं, राजद सांसद मनोज झा ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गिरिराज सिंह को खुद हिंदू बनने की जरूरत है।
वो हिन्दू नहीं नौटंकीबाज, वो गांधी वाले और हे राम वाले हिंदू नहीं बन पाए
वो हिन्दू नहीं नौटंकीबाज हैं। वो गांधी वाले और हे राम वाले हिंदू नहीं बन पाए। जबकि राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के नजरिए से ये बांटना और नफरत फैलाना चाहते हैं। बिहार में मांग क्या उठेगी, इनकी हिम्मत है क्या? विपक्ष इतनी मजबूत है कि इनकी मनमानी नहीं चलेगी।
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