गुजारा भत्ते पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मुस्लिम बोर्ड करेगा विरोध



नई दिल्ली | ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविवार को अपने अध्यक्ष को तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के अनिवार्य भरण-पोषण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को वापस लेने के उपाय शुरू करने के लिए अधिकृत किया।
बोर्ड ने नयी दिल्ली में राष्ट्रपति हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी की अध्यक्षता में अपनी बैठक में निर्णय लिया कि मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं के भरण-पोषण पर शीर्ष अदालत का हालिया फैसला इस्लामी कानून (शरीयत) के खिलाफ था।
एआईएमपीएलबी ने पवित्र कुरान के अनुसार निकाह की निरंतरता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि तलाक के बाद पुरुषों को पूर्व पत्नियों को बनाए रखने के लिए मजबूर करना अव्यावहारिक है।
बैठक की कार्रवाई का संचालन महासचिव मौलाना मुहम्मद फजलुर्रहीम मुजादीदी ने किया और इसमें देश भर से प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बोर्ड ने भारत में समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन का विरोध करते हुए तर्क दिया कि यह अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है।

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