- बोलने का पूरा मौका नहीं दिया गया
सुश्री बनर्जी ने बाहर आकर मीडियाकर्मियों से कहा उन्होंने कार्यवाही के संचालन को लेकर अपना विरोध जताते हुए बैठक से निकली से। बैठक का विपक्षी इंडिया समूह के घोषित बायकाट के बावजूद इसमें शामिल होने दिल्ली आयीं मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि बैठक में उन्हें बोलने का पूरा मौका नहीं दिया गया।
सुश्री बनर्जी ने कहा, “ये कैसे चल सकता है?”
- मुझे सिर्फ़ पांच मिनट बाद बोलने पर ही रोका गया
राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में हो रही बैठक से निकलने के बाद सुश्री बनर्जी ने कहा, “मैंने बैठक का बहिष्कार किया है। श्री चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने 10-12 मिनट तक बात की। मुझे सिर्फ़ पांच मिनट बाद बोलने पर ही रोक दिया गया। यह गलत है, विपक्ष की ओर से सिर्फ़ मैं यहां प्रतिनिधित्व कर रही हूं और इस बैठक में इसलिए भाग ले रही हूं क्योंकि सहकारी संघवाद को मज़बूत करने में मेरी अधिक रुचि है।”
- नीति आयोग में दम नहीं, योजना आयोग को वापस लाएं
मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, “नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं, मैंने अपना विरोध दर्ज कराया और मैं बाहर आ गई।”
इस बीच सरकारी सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का यह दावा सही नहीं है कि बैठक में उनका माइक बंद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि बैठक से इंडिया समूह के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय बजट 2024-25 में भेदभाव का आरोप लगाते हुए बहिष्कार का एलान किया है। उनका कहना है कि इस बार के बजट में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों की सरकार वाले बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के आगे उनके साथ धन आवंटन में सौतेला व्यवहार किया गया है।
इंडिया समूह के घटक दलों की राज्य सरकारों के मुख्यमंत्रियों में तमिलनाडु के एमके स्टालिन, केरल के पिनराई विजयन कर्नाटक के सिद्दारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी बैठक में नहीं आए। दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने भी बैठक का बहिष्कार किया।
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