स्वावलंबन ही भारतीय गांवों की मुख्य विशेषता: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश पर तीन दिवसीय संगोष्ठी
भोपाल| मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वावलंबन भारतीय गांवों की मुख्य विशेषता है। उनके अनुसार, आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के माध्यम से गांवों को सशक्त बनाना आवश्यक है। डॉ. यादव ने इस बात पर जोर दिया कि जब गांव आत्मनिर्भर होंगे, तब ही देश की प्रगति संभव है। उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलों की भी जानकारी दी, जो गांवों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी। उनका मानना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग और लोगों को स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में दीप प्रज्ज्वलित कर तीन दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंषाना, पशुपालन राज्य मंत्री लखन पटेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह भी उपस्थित थे।

  • हर घर में जल और हर खेत में सिंचाई के लिए विशेष प्रयास

मुख्यमंत्री ने श्रावण मास में शुरू हुई तीन दिवसीय कार्यशाला में महाकाल बाबा के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि भारतीय गांव अनुशासित, संयमित और परम्पराओं के अनुसार जीवन जीने के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वावलंबी ग्राम की व्यवस्था को सशक्त करने के प्रयासों से ग्रामीण जीवन अधिक सुविधाजनक हो रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा हर घर में नल से जल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन संचालित है। सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में प्रयास किए जा रहे हैं। नर्मदा घाटी विकास और केन-बेतवा लिंक परियोजना के परिणाम सबके सामने हैं। इससे किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है।

  • गौ-माता की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार की पहल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन को भी राज्य सरकार विशेष महत्व दे रही है। वृद्ध, अस्वस्थ, अपाहिज व असहाय गायों के पालन के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाएगी। कांजी हाउसों को गौ-शाला के रूप में विकसित किया जाएगा। दस से अधिक गाय पालने वाले किसानों को अनुदान भी मिलेगा। फसलों के समान दूध पर भी बोनस देने की व्यवस्था शुरू की जाएगी। गौ-माता की संवेदनशीलता और आत्मीयता को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार विशेष नीति बना रही है।

  • आयुर्वेदिक केंद्र और कुटीर उद्योग का विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और यहाँ आयुर्वेदिक औषधियों की भी भरपूर सम्पदा है। प्रदेश में आयुर्वेदिक केंद्र विकसित किए जाएंगे। लघु, कुटीर उद्योग और स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव व्यवस्था की जाएगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी की मंशा के अनुरूप किसान, महिला, युवा और गरीब को जोड़ते हुए प्रदेश को सशक्त और समृद्ध बनाया जाएगा।

  • पंचायतों की चुनौतियाँ और ई-पंचायत व्यवस्था पर चर्चा

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश संगोष्ठी पंचायतराज व्यवस्था को सशक्त बनाने में मील का पत्थर सिद्ध होगी। संगोष्ठी में कृषि को लाभकारी बनाने, हरित मध्यप्रदेश, शहरीकरण से पंचायतों पर प्रभाव, केन्द्र पोषित योजनाओं का क्रियान्वयन, पेसा अधिनियम का क्रियान्वयन और वन क्षेत्र से लगी पंचायतों के सम्मुख चुनौतियों पर चर्चा होगी। 

  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया

मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्य प्रदेश विषय पर आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उन्होंने द्रव्य जीवामृत, सामुदायिक जैव संसाधन केंद्र, मनरेगा से आजीविका संवर्धन, पोषण शिक्षा, सामुदायिक पोषण वाटिका और प्राकृतिक खेती पर मंडल मॉडल के स्टॉल देखे। तीन दिवसीय संगोष्ठी में लगभग 500 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में जर्मन कार्पोरेशन (जीआईजेड) के प्रोग्राम डायरेक्टर फरहद वानिया ने आभार प्रदर्शन किया।

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