निगमायुक्त प्रीति यादव |
जबलपुर। वायु गुणवत्ता में सुधार के मामले में जबलपुर ने मुम्बई, वाराणसी, धनबाद, भोपाल, इंदौर जैसे शहरों को पीछे छोड़ दिया है। एयर क्लीन प्रोग्राम सर्वे में जबलपुर को 100 प्रतिशत अंक मिले हैं। नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव के मार्गदर्शन में शहर में हरित क्रांति, उद्यानों के विस्तारीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े पैमाने पर काम करने के बाद नगर निगम जबलपुर को यह बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। निगमायुक्त प्रीति यादव ने कहा कि निगम का यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा, ताकि शहर के नागरिक स्वच्छ वायु में अपने जीवन का आनंद ले सकें।
- निगम के प्रयासों से मिली सफलता
निगमायुक्त प्रीति यादव ने बताया कि नगर निगम प्रशासन के प्रयासों के परिणामस्वरूप ही नगर निगम जबलपुर त्यौहारों के समय शहर को स्वच्छ वायु गुणवत्ता कायम रखने में सफल हुआ है। प्रदेश के अन्य शहरों की अपेक्षा जबलपुर की स्वच्छ वायु गुणवत्ता नागरिकों के लिए उत्कृष्ट है। पूरे मध्यप्रदेश के शहरों में जबलपुर शहर की वायु गुणवत्ता में सर्वाधिक 27 प्रतिशत से अधिक का सुधार आया है, जिसमें भोपाल 9 प्रतिशत, ग्वालियर 6 प्रतिशत एवं इंदौर 9 प्रतिशत का सुधार आया है। इस प्रकार जबलपुर शहर की वायु गुणवत्ता भोपाल, इंदौर, और ग्वालियर से भी बेहतर है। वायु गुणवत्ता में किए गए बेहतर प्रयास के लिए नगर निगम को प्रोत्साहन राशि भी मिली है।
- 136 शहरों में आगे निकला जबलपुर
निगमायुक्त प्रीति यादव ने बताया कि वायु गुणवत्ता के लिए चुने गए 136 शहरों में जबलपुर ने 100 प्रतिशत अंक प्राप्त कर मुंबई, वाराणसी, धनबाद, भोपाल, इंदौर जैसे शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है। नगर निगम ने शहरी की खराब सड़कों को सुधारकर, खुली निर्माण साइट एवं धूल का स्तर बढ़ाने वाले कारणों में सुधार तथा उद्यानों और हरियाली को विकसित करके वायु गुणवत्ता में सुधार किया है।
- आम जनता से सहयोग की अपील
निगमायुक्त प्रीति यादव ने शहर की वायु गुणवत्ता इसी प्रकार बनाए रखने के लिए आम जनता से अपील की है। उन्होंने कहा है कि किसी भी प्रकार के कचरे को न जलाएं, निर्माण कार्य के दौरान ग्रीन नेट का उपयोग करें एवं निर्माण में उत्पन्न होने वाली सामग्री पर पानी का छिड़काव करें। जिससे आपके आस-पास की वायु स्वच्छ बनी रहे।
- वायु गुणवत्ता के सुधार के लिए प्रयास जारी
उपायुक्त संभव अयाची ने बताया कि जबलपुर नगर निगम द्वारा आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा प्रभावी रूप से कचरा जलाने, ग्रीन नेट का उपयोग न करने एवं मलमा सड़कों पर पड़े होने पर चालानी कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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