नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश आम बजट में आयकर मोर्चे पर कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी। साथ ही अगले पांच साल में रोजगार सृजन से जुड़ी योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये के व्यय और नए गठबंधन सहयोगियों के राज्यों के लिए अधिक राशि का प्रावधान किया गया।
भाजपा को लोकसभा में चुनाव में बहुमत नहीं मिलने के लिए ग्रामीण संकट और बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया गया। इसके बीच सीतारमण ने बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये रखे हैं।
उन्होंने अपना सातवां और नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए स्टार्टअप में सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए ‘एंजल कर’ समाप्त करने की घोषणा की। साथ ही मोबाइल फोन और सोने पर सीमा शुल्क में कटौती की और पूंजीगत लाभ कर को सरल बनाया। हालांकि, उन्होंने प्रतिभूतियों के वायदा और विकल्प खंड में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ा दिया। इस कदम से शेयर बाजारों में गिरावट आई।
सीतारमण ने कहा, ‘‘ऐसे समय जब दुनिया में अनिश्चिततताएं हैं, भारत की आर्थिक वृद्धि एक अपवाद बनी हुई है और आने वाले वर्षों में भी ऐसा ही रहेगा।” उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग और पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’
वित्त मंत्री ने कहा कि 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है।”
वित्त मंत्री ने बिहार के लिए एक्सप्रेस वे, बिजलीघर, हेरिटेज कॉरिडोर और नए हवाई अड्डों जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 60,000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। बिहार को समर्थन पूंजीगत परियोजनाओं के रूप में है। यह सब्सिडी या नकद सहायता के रूप में नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में सत्तारूढ़ दल और भाजपा की सहयोगी जदयू (जनता दल यूनाइटेड) राज्य के लिए आर्थिक पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है। इसी तरह, आंध्र प्रदेश के लिए बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय सहायता में 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी तेदेपा हाल ही में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हुई है।
मध्यम वर्ग के लिए, उन्होंने मानक कटौती 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी और नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव किया। मानक कटौती के तहत आयकर की गणना करने से पहले वर्ष में अर्जित कुल वेतन में से निश्चित राशि घाटा दी जाती है।
उन्होंने कहा कि इससे करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 17,500 रुपये तक की बचत होगी। नई व्यवस्था में कर की दरें कम हैं। हालांकि, इसमें कोई छूट भी नहीं है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए, बजट में कंपनियों के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसमें पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने के वेतन का भुगतान और रोजगार के पहले चार वर्षों में उनके सेवानिवृत्ति निधि योगदान के संबंध में नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक का ‘रिम्बर्समेंट’ शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कौशल में सुधार के साथ छात्रों के लिए इंटर्नशिप के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए रियायती कर्ज भी प्रदान किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में भारत की आधिकारिक बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत आंकी गई है, लेकिन निजी एजेंसियां इसे कहीं अधिक ऊंचे स्तर पर रखती हैं।
सीतारमण ने कहा कि सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2024-25 के लिए फरवरी में पेश अंतरिम बजट में अनुमानित 5.1 प्रतिशत से कम है। इसका कारण मजबूत कर संग्रह और भारतीय रिजर्व बैंक से अपेक्षा से अधिक लाभांश प्राप्ति है। उन्होंने सकल बाजार उधारी को मामूली घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया।
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ किफायती आवास इकाइयों के निर्माण के लिए सहायता, छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज सहायता प्रदान की गई है।
इसके अलावा, मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमों के लिए कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये, 12 औद्योगिक पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ और व्यय 48.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है। शुद्ध कर प्राप्ति 25.83 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।
- सरकार तीन रोजगार संबंधी योजनाएं शुरू करेगी
सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार नौकरी बाजार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ (भविष्य निधि) योगदान देकर प्रोत्साहन देगी।
उन्होंने घोषणा की कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए देश में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास स्थापित किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र, क्षेत्र विशेषज्ञों और अन्य को धन उपलब्ध कराएगी। पहले से ही मौजूद योजना – मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी) का लक्ष्य प्रत्येक परिवार के कम से कम एक सदस्य को एक वित्त वर्ष में 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराना है।
- सरकार ने बजट में नौ प्राथमिकताओं की घोषणा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 में अर्थव्यवस्था में पर्याप्त अवसर उत्पन्न करने के लिए नौ प्राथमिकताओं की घोषणा की। इन नौ प्राथमिकताओं में उत्पादकता, रोजगार, सामाजिक न्याय, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, नवाचार और सुधार शामिल है।
सीतारमण ने अपना लगातार सातवां बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करने के लिए व्यापक स्तर अनुसंधान समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसान प्राकृतिक खेती का रुख करेंगे। मंत्री ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन संकुल को बढ़ावा दिया जाएगा।
सरकार 32 कृषि एवं बागवानी फसलों के लिए 109 नए उच्च उपज वाले, जलवायु अनुकूल बीज जारी करेगी। सीतारमण ने कहा कि फरवरी में अंतरिम बजट में घोषित विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन अब भी जारी है।
- मुद्रा योजना के तहत ऋण सीमा दोगुनी कर 20 लाख रुपये की जाएगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि मुद्रा योजना के तहत ऋण सीमा दोगुनी यानी 20 लाख रुपये की जाएगी। लोकसभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को ‘इंटर्नशिप’ के अवसर देने के लिए योजना शुरू करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा केंद्र सरकार 100 शहरों में निवेश के लिए तैयार औद्योगिक पार्कों को भी बढ़ावा देगा। सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये औद्योगिक श्रमिकों के लिए छात्रावास की सुविधा भी देगी।
सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि सरकार पहले अपतटीय खनन ब्लॉकों की नीलामी शुरू करेगी और विदेशों में संपत्ति हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन स्थापित करेगी।
- पूर्वोत्तर में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की 100 शाखाएं स्थापित करेगा केंद्र
सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि वह देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की 100 शाखाएं स्थापित करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा की। आईपीपीबी में वर्तमान में करोड़ों खाते हैं और यह लाखों शाखाओं के जरिये संचालित किए जाते हैं।
- आदिवासियों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार के लिए जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
सरकार ने मंगलवार को देश में आदिवासी समुदायों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में इस कार्यक्रम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य आदिवासी बहुल गांवों एवं आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों को पूरी तरह से इसके दायरे में लाना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के दायरे में 63 हजार आदिवासी बहुल गांव आयेंगे जिससे पांच करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा।
- भूमि सुधारों पर राज्यों के साथ विचार-विमर्श करेगी सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार भूमि सुधारों पर राज्यों के साथ विचार-विमर्श करेगी। वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि देश में शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को डिजिटल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजनाओं के लिए त्वरित सिंचाई कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के तहत सहायता प्रदान करेगी।
इसके अतिरिक्त केंद्र प्राकृतिक आपदा प्रभावित राज्यों – हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश को जल, बिजली, रेलवे और सड़क जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने को धनराशि मिलेगी।
- चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत तक पहुंचाना है। वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में सकल तथा शुद्ध बाजार उधार क्रमशः 14.01 लाख करोड़ रुपये और 11.63 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2024-25 में शुद्ध कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ रुपये आंकी गई हैं।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में कुल व्यय 48.21 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। गौरतलब है कि फरवरी 2024 में प्रस्तुत अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा (सरकारी व्यय और आय के बीच का अंतर) वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 5.1 प्रतिशत आंका गया था, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह 5.8 प्रतिशत था। सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि सरकार माता-पिता और अभिभावकों द्वारा पेंशन योगदान प्रदान करने के लिए ‘एनपीएस वात्सल्य’ शुरू करने की योजना बना रही है।
- विकसित भारत के ऊर्जा मिश्रण में महत्वपूर्ण भाग हो सकती है परमाणु ऊर्जा
सरकार ने मंगलवार को कहा कि परमाणु ऊर्जा, विकसित भारत के ऊर्जा मिश्रण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकती है। साथ ही, सरकार ने यह भी कहा कि वह छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर विकसित करने तथा नयी तकनीकों पर शोध करने के लिए निजी प्रतिष्ठानों के साथ साझेदारी करेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि अंतरिम बजट में घोषित अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) कोष इस क्षेत्र के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘परमाणु ऊर्जा, विकसित भारत के ऊर्जा मिश्रण का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बनने की उम्मीद है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हमारी सरकार भारत लघु रिएक्टरों की स्थापना, भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर और परमाणु ऊर्जा के लिए नयी तकनीकों पर अनुसंधान और विकास करने के लिए निजी कंपनियों के साथ साझेदारी करेगी।”
- सभी को सामाजिक न्याय के दायरे में लाने पर जोर
सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सामाजिक न्याय को समग्र रूप से हासिल करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सभी पात्र लोगों को इसके दायरे में लाने का दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
लोकसभा में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि समावेशी मानव संसाधन विकास सुनिश्चित करने के लिए सभी को सामाजिक न्याय के दायरे में लाने का दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। इस दृष्टिकोण के माध्यम से सामाजिक न्याय एक ऐसी रणनीति को संदर्भित करता है जहां सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र व्यक्ति विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के अंतर्गत आ जायें।
सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारी सरकार लोगों के, खासकर किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्व समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय को व्यापक रूप से प्राप्त करने के लिए, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सभी पात्र लोगों को कवर करने का दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, ताकि उनकी क्षमताओं में सुधार कर उन्हें सशक्त बनाया जा सके।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘शिल्पकारों, कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों तथा रेहड़ी-पटरी वालों की आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा, प्रधानमंत्री स्वनिधि, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और स्टैंड-अप इंडिया जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया जाएगा।”
- सौ बड़े शहरों में जलापूर्ति और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान देगा केंद्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार राज्यों और बहुपक्षीय विकास बैंकों के साथ मिलकर बैंक योग्य परियोजनाओं के जरिए 100 बड़े शहरों में जलापूर्ति, जलमल शोधन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं तथा सेवाओं को बढ़ावा देगी।
लोकसभा में बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं में सिंचाई के लिए शोधित जल के इस्तेमाल का भी विचार है। उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य सरकारों और बहुपक्षीय विकास बैंकों के साथ साझेदारी में बैंक योग्य परियोजनाओं के माध्यम से 100 बड़े शहरों के लिए जलापूर्ति, जलमल शोधन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं और सेवाओं को बढ़ावा देंगे।”
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