नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज नीट-यूजी मामले (NEET UG - 2024) पर अहम सुनवाई करते हुए दोबारा परीक्षा नहीं करवाने का आदेश दे दिया है। कोर्ट ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने आज मंगलवार को सभी पक्षों को सुना है। कोर्ट ने गहन विचार के बाद आदेश में कहा कि नीट-यूजी की परीक्षा (NEET UG 2024 Exam) दोबारा नहीं होगी।
- 56 हज़ार सरकारी सीटें
सुप्रीम कोर्ट में आज नीट-यूजी मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई (CJI) ने कहा कि 1 लाख, 8 हज़ार सीटों के लिए 23 लाख से ज़्यादा परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया गया था।
एमबीबीएस (MBBS) की 52 हज़ार निजी कॉलेजों और 56 हज़ार सरकारी कॉलेजों में सीटें हैं। उन्होंने कहा कि नीट-यूजी परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं। गलत उत्तर के लिए एक नकारात्मक अंक होता है।
- पहला कागजातों का लीक होना
सीजेआई चुद्रचूड़ (CJI Chudrachud) ने सबमिशन को दर्ज करते हुए कहा कि 2 प्रमुख आरोप हैं, पहला कागजातों का लीक होना और दूसरा व्यवस्थागत विफलता। नीट मामले के याचिकाकर्ताओं ने सिस्टेमेटिक विफलता का सवाल उठाया और नीट परीक्षा दोबारा कराए जाने की मांग की है।
कई राज्यों में इसे लेकर एफआईआर भी दर्ज की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट इससे पहले सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश देते हुए, एनटीए (NTA), केंद्र और सीबीआई (CBI) से हलफना में पेश करने को कहा था।
दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, बिहार, झारखंड में एफआईआर (FIR) सीबीआई को हस्तांतरित करने के बाद सीबीआई की भूमिका प्रमुख रुप से सामने आई। सीजेआई चंद्रचुड़ ने कहा कि, तमाम दलीलों को 4 दिनों से अधिक समय तक सुना गया।
सीबीआई (CBI) के अधिकारी कृष्णा सहित सभी पक्षों को कोर्ट ने सुना है। ऐसे में कोर्ट यह मानती है कि नीट-यूजी 2024 का पेपर हजारीबाग और पटना में लीक हुआ था, इस पर कोई विवाद भी नहीं है।
सीबीआई (CBI) की दाखिल रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे 155 छात्र हैं, जिन्हें पेपर लीक गड़बड़ी का फायदा मिला है। अंत: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि नीट-यूजी की परीक्षा (NEET-UG Exam) दोबारा नहीं होगी।
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