सागर। सागर जिले के शाहपुर क्षेत्र में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया है। यहां दीवार गिरने से नौ बच्चों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। सीएम ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता का भी ऐलान किया।
हादसे में घायल सभी बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। जानकारी के अनुसार, सागर जिले के रहली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शाहपुर क्षेत्र में सावन का महीना होने के कारण बच्चे कच्ची मिट्टी से हरदौल मंदिर के करीब शिवलिंग बनाने के लिए इकट्ठा हुए थे।
इसी दौरान एक मकान की दीवार गिर गई। दीवार के मलबे की चपेट में बड़ी संख्या में बच्चे आ गए। नौ बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं अन्य घायल बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल में पहुंचाया गया है।
इस हादसे की जानकारी मिलते ही रहली क्षेत्र के विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य का जायजा लिया। वहीं घायलों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
सीएम मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट किया, ''आज सागर जिले के शाहपुर में हुई अतिवृष्टि के कारण जर्जर मकान की दीवार गिरने से 9 मासूम बच्चों के काल कवलित होने की खबर सुनकर मन व्यथित है। घायल बच्चों के उचित इलाज के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया है। भगवान से करबद्ध प्रार्थना है कि दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करें। हादसे में घायल अन्य बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। जिन परिवारों ने मासूम बच्चों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मृतक बच्चों के परिजनों को शासन की तरफ से 4 -4 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। ओम शांति।।''
- खडगे ने बच्चों की मृत्यु पर जताया शोक
नई दिल्ली | कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने मध्य प्रदेश के सागर में दीवार ढहने से 09 बच्चों की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों कर प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
श्री खडगे ने रविवार को कहा, "मध्य प्रदेश के सागर में भारी बारिश से दीवार गिरने के कारण 9 बच्चों की मृत्यु का समाचार बेहद हृदयविदारक है। कई लोग घायल भी हुए हैं। शोकाकुल परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते है।"
उन्होंने कहा, "सरकार और प्रशासन से आग्रह है कि त्वरित मुआवज़ा दिया जाए और भारी बारिश तथा ख़राब मौसम से ऐसी घटनाएँ आगे ना हो, उसके लिए उचित कदम उठाए जाए। ऐसी लापरवाही दुर्भाग्यपूर्ण है।"
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