पटना | बिहार में जिउतिया पर्व के दौरान बुधवार को 46 लोगों की डूबने से मौत हो गई। इनमें 37 बच्चे शामिल हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार जिउतिया पर्व के दौरान डूबे लोगों के आश्रितों को सरकार की तरफ से अनुग्रह राशि मिलेगी। अभी तक 8 मृतक के आश्रितों को मुआवजा का भुगतान कर दिया गया हौ। जिउतिया पर्व को लेकर गंगा नदी में स्नान करने गए लोगों में समूचे राज्य में 49 लोग डूब गए, जिसमें से 46 लोगों की मौत हो गई।
औरंगाबाद जिले के अलग-अलग जगहों में तालाब में नहाने के दौरान 8 की मौत हो गई, जिसमें दो महिलाएं और 6 बच्ची शामिल हैं। डूबने की घटनाएं पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, नालंदा, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, सीवान, रोहतास, सारण, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज और अरवल में हुई है।
यह घटना जिले के बारुण प्रखंड के इटहट गांव और मदनपुर प्रखंड के कुशा गांव की है। ये सभी लोग जिउतिया पर्व पर पूजा से पहले तालाब में नहाने गए थे। वहीं सारण जिले में भी अपनी मां व अन्य परिजनों के साथ स्नान करने गए पांच बच्चों की डूबने से मौत हो गई। यह घटनाएं अलग-अलग क्षेत्रों की हैं।
वहीं कैमूर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में जितिया पर्व पर स्नान के दौरान नदी व तालाब में डूबने से पांच लोगों की मौत हो गई। एक घटना जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र की है। वहीं दूसरी घटना दुर्गावती थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव की है, तीसरी घटना मोहनिया थाना क्षेत्र के ग्राम दादर की है। चौथी घटना भभुआ प्रखंड के रूपपुर गांव की है।
वहीं रोहतास जिले के डिहरी पाली पुल के पास सोन नदी में स्नान करने के दौरान एक 13 साल के बच्चे की मौत हो गई। मोतिहारी जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के बृन्दावन परसौनी में मां और बेटी सहित दो अन्य बच्चों की डूबने से मौत हो गई। वहीं जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गई।
वहीं राजधानी पटना के बिहटा थाना क्षेत्र के अमनाबाद हलकोरिया चक गांव के सोन नदी के घाट पर बुधवार की शाम जितिया पर्व पर सोन नदी में नहाने गयी मां के साथ 14 वर्षीय बच्ची की डूबकर मौत हो गई। जबकि पास में नहा रही गांव के ही एक महिला व दो युवतियां उसे बचाने के लिए नदी के तेज धारा में छलांग लगा दीं। लेकिन तेज धारा होने के कारण बच्ची में समेत चारों लोग डूब गये।
वहीं, नालंदा जिले में अलग-अलग जगहों पर तीन बच्चों के डूबने से मौत हो गई। जबकि भोजपुर जिले में दो बच्चों के सोन नदी में डूबने से मौत हो गई। बता दें कि 24 सितंबर को नहाय खाय से जिउतिया पर्व की शुरुआत हुई। 25 को उपवास और आज 26 तारीख को पारण के साथ जिउतिया पर्व का समापन हुआ है।
जिउतिया पर्व में स्नान के दौरान प्रदेशभर में डूबने से हुई 46 लोगों की मृत्यु हो गई है। मरने वालों में 37 बच्चे हैं। वहीं, 7 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं। मृतक के निकटतम परिजन को अनुग्रह राशि के रूप के चार लाख की राशि प्रदान की जाएगी।
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