दिल्ली की नई सीएम आतिशी का राजनीतिक सफरनामा

सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित के बाद बनीं दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री

पद की शपथ लेंतीं दिल्ली की नई सीएम आतिशी।

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। पार्टी ने दिल्ली में लगातार चौथी बार सरकार बनाई है। आतिशी के साथ मंत्रिमंडल में मुकेश अहलावत, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन ने भी शपथ ली, जो नई सरकार में अहम भूमिकाएं निभाएंगे।

आतिशी, जो अरविंद केजरीवाल सरकार में शिक्षा, वित्त, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, बिजली समेत 13 विभागों का कार्यभार संभाल रही थीं, अब मुख्यमंत्री के रूप में दिल्ली की जनता की सेवा करेंगी। उनकी प्रशासनिक क्षमता और नीतिगत निर्णयों की सराहना पहले से ही की जाती रही है।

अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते समय कहा था कि वे जनता से ईमानदारी का प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही इस पद पर वापस आएंगे। दिल्ली में कुछ ही माह में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
  • दिल्ली की तीसरी महिला सीएम
आतिशी मार्लेना ने अपना राजनीतिक करियर बहुत तेजी से तय किया। दिल्ली सरकार में सबसे अधिक मंत्रालयों का कार्यभार संभालने वाली 43 वर्षीय आतिशी ने  सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद राष्ट्रीय राजधानी की मुख्यमंत्री बनने वाली तीसरी महिला होने का गौरव भी हासिल कर लिया है।
  • मंगलवार को चुनी गई थीँ विधायक दल की नेता
उन्हें मंगलवार को विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया था। इसके बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल को अपना ‘गुरु’ बताते हुए अपना उत्तराधिकारी चुनने के लिए उनका आभार जताया और कहा कि वह भाजपा के अवरोधों से लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए उनके मार्गदर्शन में काम करेंगी।
  • दिल्ली चुनाव से पहले मिली जिम्मेदारी
आतिशी दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही मुख्यमंत्री बनी हैं, इसलिए उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। उन्हें ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ और ‘इलेक्ट्रिक वाहन 2.0′ नीति जैसी प्रमुख योजनाओं को मंजूरी देने और उन्हें तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कैबिनेट बैठकें करनी होंगी।
  • जैविक खेती पर भी कर चुकी हैं काम
आतिशी आप की संस्थापक सदस्य रही हैं और उन्होंने इसकी नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें 2013 के घोषणापत्र मसौदा समिति के प्रमुख सदस्य के रूप में शामिल होना भी शामिल है। आतिशी पार्टी के सिद्धांतों की मुखर वकालत के लिए पहचानी जाती हैं। आतिशी ने मध्य प्रदेश के एक गांव में सात साल बिताए, जहां उन्होंने जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया।
  • वर्ष 2019 में रखा सक्रिय राजनीति में कदम
आतिशी ने वर्ष 2019 में चुनावी राजनीति में कदम रखते हुए उन्होंने भाजपा के गौतम गंभीर के खिलाफ पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा। हालांकि वह चुनाव हार गईं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले आतिशी ने अपना उपनाम ‘मर्लेना’ हटा दिया था, जो मार्क्स और लेनिन का मिश्रण है, क्योंकि वह चाहती थीं कि उनके राजनीतिक जुड़ाव को गलत तरह से नहीं समझा जाना चाहिए। वर्ष 2020 में, आतिशी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा और कालकाजी सीट से विधायक चुनी गईं।
  • सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद हुई थी मंत्रिमंडल में शामिल
उन्हें ऐसे समय में कैबिनेट में शामिल किया गया था जब पिछले साल फरवरी में आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सरकार संकट का सामना कर रही थी। सिसोदिया तब न केवल दिल्ली के उपमुख्यमंत्री थे, बल्कि कई प्रमुख विभागों को संभाल रहे थे। समस्या तब और बढ़ गई जब सरकार के एक अन्य प्रमुख सहयोगी सत्येंद्र जैन ने भी उसी समय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। इस दौर में आतिशी पार्टी और सरकार में बड़ा चेहरा बनकर उभरीं और वर्तमान में वह वित्त, पीडब्ल्यूडी और शिक्षा जैसे प्रमुख विभागों सहित कई विभागों को संभाला।
  • ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से की मास्टर डिग्री
2022 में आतिशी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने दिल्ली को शहरी शासन के लिए एक वैश्विक मॉडल के रूप में पेश किया। उनके पिता विजय सिंह और मां तृप्ता वाही दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे हैं। आतिशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अपने बैच में शीर्ष स्थान हासिल किया। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा और इतिहास में स्नातकोत्तर उपाधि भी प्राप्त की है।

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