नई दिल्ली | मोबाइल फोन आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, लेकिन इसके रेडिएशन सेहत के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल से निकलने वाली विकिरणें शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं, खासकर तब जब हम इसे अपनी जेब में रखकर चलते हैं। हालिया शोध में यह बात सामने आई है कि पैंट की जेब में रखा मोबाइल फोन पुरुषों में नपुंसकता का कारण बन सकता है।
जेब में रखा मोबाइल कितना खतरनाक?
मेडिकल शोधकर्ताओं की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय तक मोबाइल फोन का संपर्क कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे क्रोनिक स्ट्रेस, ब्रेन ट्यूमर, और यहां तक कि स्तंभन दोष (erectile dysfunction)। ऑस्ट्रिया और मिस्र के रिसर्चरों द्वारा की गई एक स्टडी में पाया गया कि लगातार मोबाइल फोन का इस्तेमाल यौन समस्याओं का कारण बन सकता है।
इस अध्ययन में, छह वर्षों तक दो समूहों के 30 पुरुषों का अध्ययन किया गया। पहले समूह में 20 पुरुषों को यौन संबंधी समस्याएं थीं, जबकि दूसरे समूह के 10 पुरुषों को कोई ऐसी समस्या नहीं थी। शोध में यह पाया गया कि जिन पुरुषों ने अपने फोन का अधिक इस्तेमाल किया, उनमें सेक्स समस्याओं का जोखिम अधिक था।
मोबाइल के रेडिएशन से क्या-क्या हो सकते हैं नुकसान?
विशेषज्ञों का मानना है कि मोबाइल फोन के रेडिएशन से DNA में बदलाव आ सकते हैं, जो कि नपुंसकता और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इतना ही नहीं, शर्ट की जेब में रखा मोबाइल भी हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है। कैनेडियन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि हफ्ते में कम से कम एक बार मोबाइल फोन का उपयोग करने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
तो फिर मोबाइल कहां रखें?
मोबाइल फोन का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करना तो संभव नहीं है, लेकिन इसके खतरों से बचने के लिए कुछ एहतियात जरूर बरत सकते हैं। मोबाइल को सीधे शरीर के संपर्क में रखने से बचें, खासकर पैंट की सामने वाली जेब में। बेहतर होगा कि फोन को बैग या पर्स में रखें। अगर ऐसा संभव न हो, तो मोबाइल को पैंट की पीछे की जेब में रखें, ताकि शरीर के संवेदनशील अंगों पर इसका असर कम हो।
मोबाइल फोन के रेडिएशन से जुड़े खतरों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। सावधानी बरतते हुए इसे इस्तेमाल करना ही बेहतर उपाय है। खासकर, इसे रखने के स्थान पर ध्यान दें, ताकि इसके संभावित खतरों से खुद को बचाया जा सके।
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